तीसरे दिन भी गिरा बाजार, 5 वजहों से डूबे निवेशकों के 5.5 लाख करोड़

मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे कारोबारी दिन गिरावट देखने को मिली, लेकिन इस दिन की गिरावट पहले की तुलना में अधिक गंभीर रही। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांकों में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी सरकार की क्रेडिट रेटिंग में कटौती और विदेशी निवेशकों की बिकवाली मानी जा रही है। इसके अलावा, हालिया तेजी के बाद मुनाफावसूली का ट्रेंड और बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट भी बाजार पर भारी पड़ी।

तीन दिन में सेंसेक्स में 1300 अंकों से ज्यादा की गिरावट

बीते तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 1300 से अधिक अंकों की गिरावट हो चुकी है, जबकि निफ्टी 378 अंक नीचे आ चुका है। मंगलवार को अकेले निवेशकों के करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये डूब गए। सेंसेक्स 872.98 अंक गिरकर 81,186.44 पर बंद हुआ, जबकि दिन के दौरान यह 905.72 अंकों तक लुढ़क गया था। निफ्टी 261.55 अंक गिरकर 24,683.90 पर बंद हुआ, जो दिन के निचले स्तर 24,669.70 तक गया।

लगभग हर सेक्टर में गिरावट, हैवीवेट शेयरों पर दबाव

शेयर बाजार में ऑटो, बैंकिंग, आईटी और फाइनेंस जैसे तमाम सेक्टरों में गिरावट देखने को मिली। मारुति के शेयर में 2.76%, महिंद्रा एंड महिंद्रा में 2.13%, पॉवरग्रिड और अल्ट्राटेक सीमेंट में 2% से अधिक की गिरावट हुई। बजाज फिनसर्व, एचयूएल, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया जैसे दिग्गज शेयरों में भी 1.5% से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई। टाइटन, कोटक, रिलायंस, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और टाटा मोटर्स जैसे बड़े नामों के शेयर भी 1% से अधिक गिरे।

गिरावट की मुख्य वजहें:

  1. मूडीज की रेटिंग में कटौती:
    अमेरिकी सरकार की रेटिंग को AAA से घटाकर Aa1 कर दिया गया, जिससे वैश्विक बाजारों में निवेशकों का भरोसा डगमगाया। इससे बॉन्ड यील्ड बढ़ी और लिक्विडिटी पर असर पड़ा, जो उभरते बाजारों के लिए नकारात्मक संकेत है।
  2. एफआईआई और डीआईआई की बिकवाली:
    19 मई को विदेशी निवेशकों ने 526 करोड़ रुपये और घरेलू निवेशकों ने 238 करोड़ रुपये की बिकवाली की। यह पहला मौका था जब दोनों ने एक साथ शेयर बेचे। इससे बाजार पर दबाव बढ़ गया।
  3. मुनाफावसूली का दौर:
    हालिया तेजी के बाद निवेशकों ने उच्च स्तरों पर मुनाफा बुक किया। पिछले नौ सत्रों में बाजार पूंजीकरण में 27.3 लाख करोड़ रुपये की बढ़त के बाद अब थोड़ा करेक्शन देखा जा रहा है।
  4. कोविड के नए वैरिएंट का प्रभाव:
    देश में कोविड का नया वेरिएंट सामने आने से निवेशकों की चिंता बढ़ी है। अब तक 257 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा असर केरल में देखा गया है।

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