कोरोना कर्फ्यू से हिमाचल में औंधे मुंह गिरा पर्यटन कारोबार

हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरे साल कोरोना की मार से पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश के 95 फीसदी होटलों और रेस्टोरेंटों पर ताले लग गए हैं। टैक्सियां खड़ी हैं, ढाबे सुनसान पड़े हैं। पर्यटन कारोबार से जुड़े प्रदेश के करीब 7.50 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। कोरोना कर्फ्यू से 90 फीसदी लीज होटल धारकों को काम छोड़ना पड़ा है। शिमला, मनाली, धर्मशाला और डलहौजी के अधिकतर होटल बंद हैं।

शिमला के माल रोड स्थित अल्फा सहित अन्य रेस्टोरेंट बंद हो गए हैं। संचालकों ने स्टाफ को छुट्टी भेज दिया है। चायल के 90 फीसदी होटल बंद है। मनाली में होटलों के अलावा होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां बंद हो गई हैं। डलहौजी में भी पर्यटकों की आमद बंद होने के बाद पर्यटन कारोबार ठप है। संकट के समय सरकार से राहत न मिलने से पर्यटन कारोबारी मायूस हैं। मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर का कहना है कि कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद मनाली के होटल के अलावा होमस्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां बंद हैं, पर्यटन कारोबारी बेरोजगार हो गए हैं।

बिजली की डिमांड चार्ज पूरी तरह खत्म करे सरकार : गोपाल
हिमाचल प्रदेश टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार गोपाल अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश के 95 फीसदी होटल रेस्टोरेंट बंद हैं। सरकार को बिजली के डिमांड चार्ज 6 माह के लिए पूरी तरह खत्म करने चाहिए। पानी, कूड़े और टैक्स के बिल और सभी तरह की फीस माफ होनी चाहिए। 

सबवेंशन स्कीम का नहीं मिल रहा लाभ
फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा, उपाध्यक्ष संजय सूद, चायल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र वर्मा का कहना है कि सबवेंशन स्कीम का होटल कारोबारियों को लाभ नहीं मिल रहा। जीएसटी के स्थान पर कमरों की संख्या के आधार पर लाभ दिया जाए। कोऑपरेटिव बैंक के साथ अन्य सभी बैंकों को स्कीम में शामिल किया जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here