तमिलनाडु के 300 किसानों के ट्रेन टिकट रद्द, कई राज्यों के किसान पहुंचे,कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिन से डटे 11 हुए हैं

नए कृषि कानूनों के विरोध में यहां किसान को डटे 11 दिन हो चुके हैं। बॉर्डर पर करीब एक लाख प्रदर्शनकारियों के लिए दिन-रात लंगर बनाया जा रहा है। इसमें जूस, पिज्जा, देसी घी के लड्डू, जलेबियां, गोलगप्पे, बादाम-अखरोट तक बंट रहे हैं। नेशनल हाईवे पर मीलों ट्रैक्टर ट्रॉली की कतारें हैं, इन्हीं को प्रदर्शनकारी किसानों ने घर भी बना लिया है। आंदोलन में आए कई किसान खुद ही कह रहे हैं ऐसा प्रदर्शन जीवन में पहली बार देख रहे हैं। हर दस कदम पर लंगर है। सब्जियों में मटर-पनीर, आलू-गोभी, छोले पूरी, मूली के पराठे, आलू-प्याज के परांठे भी बन रहे हैं। पंजाब के एक गांव से देसी घी से बनी 15 टन पिन्नियां आई हैं। कर्नाटक, गुजरात समेत दूसरे राज्यों से भी किसान पहुंच रहे हैं। दिल्ली पहुंचे तमिलनाडु के 10 किसानों ने बताया कि 300 किसानों के ट्रेन टिकट रद्द कर दिए गए हैं।

टिकरी बॉर्डर से . सुबह-सुबह महिला किसान नेता निगम के अस्थायी वॉशरूम में नहाकर तैयार हैं। सुबह 8:30 तक सड़क पर कई ट्रॉलियों के बीच बने चूल्हों पर परांठे बन चुके हैं। एक ट्रॉली के बीच टोहाना और बठिंडा के एक गांव से आए किसान मिलकर खाना पका रहे हैं। बता रहे हैं हरियाणवियों को रोटी बढ़िया बनानी आती है और पंजाबियों को सब्जी, इसलिए मिलकर पका रहे हैं। हरियाणा के एक बुजुर्ग युवाओं को सुरक्षा कर्मियों के आगे से हटने के लिए अपील कर रहे हैं, कह रहे हैं- जोश के साथ होश जरूरी है। ये भविष्य की लड़ाई है, सब्र से लड़ी जाएगी। रात 8 बज चुके हैं। ट्रैक्टर की ट्रॉली में लगे चार्जिंग पॉइंट से मोबाइल चार्ज हो रहे हैं।

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