मुजफ्फरनगर: आवारा गोवंश से परेशानी बढ़ी

मुजफ्फरनगर। मोरना थाना क्षेत्र में आवारा घूम रहे गोवंश किसानों की फसल को खा रहे हैं, जिससे किसान को आर्थिक हानि पहुंच रही है।  विकासखंड मोरना के कई गांव में गौशाला होने के बावजूद आवारा घूम रहे गोवंश किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। वही सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं। किसानों ने प्रशासन से आवारा गोवंश से मुक्ति दिलाने की मांग  की है। एक तरफ महंगाई की मार ऊपर से आवारा गोवंश किसानों की फसलों को खा रहे हैं, जिससे किसान को आर्थिक हानि हो रही है। भोपा थाना क्षेत्र के गांव शुक्रतारी मोरना निवासी किसान परविंदर, मेघिन्द्र, सुमित, राजीव, संदीप, नितिन, रणबीर, जोगिंद्र, ओमवीर, चरण सिंह, राजकुमार आदि ने बताया कि क्षेत्र में आवारा घूम रहे गोवंश गेहूं की फसल को नष्ट कर रहे हैं। किसान अपने खेत में काम करें या उन की रखवाली करें, गोवंश रात में ही नहीं दिन में भी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। किसानों ने इसकी शिकायत ग्राम सचिव से की। सचिव ने किसानों से गोवंश को पकड़कर प्रधान को सौंपने की बात कही। ग्रामीणों ने कहा कि वह अपनी व्यथा  किसे सुनाएं, वह कहीं बार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने आवारा गोवंश से निजात दिलाने की मांग प्रशासन से की है।

गौशाला होने के बावजूद बेसहारा गोवंश
मोरना ब्लॉक में 4 गौशाला है। ब्लॉक के गांव में नगर पंचायत भोकरहेड़ी  सहित चार गौशाला हैं, जिनमें नगर पंचायत भोकरहेड़ी में एक कन्हा गौशाला के नाम से है, जिसकी पशु रखने की क्षमता चालीस है और उसमें फिलहाल लगभग 39 पशु के आसपास मौजूद है।
दूसरी गौशाला मोरना ब्लाक के गांव खाईखेड़ा में  कांजी हाउस के नाम से है, जिसकी  देखरेख की जिम्मेदारी जिला पंचायत की है, जिसकी क्षमता 25 है और उसमें फिलहाल 18 पशु मौजूद है।
तीसरी गौशाला भोपा मेंं स्थित है, जिसकी क्षमता 30 पशुओं की है, जिसमें फिलहाल 28 पशु मौजूद है।
वही चौथी गौशाला मोरना ब्लॉक के गांव बेलडा में है, जो अस्थाई और निर्माणाधीन है, जिसमें फिलहाल 15 पशु मौजूद है, जहाँ  एक पशु के रखरखाव की कीमत लगभग 30  से 35 रूपये प्रतिदिन है, वही सरकार की ओर  से गौशाला में पशु के रखरखाव व खाने के लिए सरकार से रूपये 30 प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है।
प्रशासन ने  क्षेत्र वासियों से अपील की है कि जिनके पशु दूध नहीं देते है, वो उन्हें आवारा ना छोड़े बल्कि अपनी नजदीक की गौशाला से संपर्क कर वहां पर छोड़े।

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