महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार उथल-पुथल जारी है। अजित पवार और शरद पवार के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को लेकर खींचतान जारी है। इसी बीच, खबर सामने आई है कि अजित पवार गुट के विधायक एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलने वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे हैं। बता दें, सेंटर में पहुंचने वालों में छगन भुजबल, अदिति तटकरे, हसन मशरिफ शामिल हैं।
पार्टी को लेकर रार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर कब्जे की लड़ाई तेज हो गई है। दो जुलाई को पार्टी के मुखिया शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने एनडीए में शामिल होने का एलान कर दिया था। भाजपा की अगुआई वाली एनडीए गठबंधन की सरकार में अब वह डिप्टी सीएम भी हैं। अजित पवार गुट ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। अब दोनों गुट पार्टी पर खुद का दावा ठोक रहे हैं। इसके अलावा दोनों ही गुट इस बीच, कई बड़े फैसले भी ले चुके हैं। आइए जानते हैं पार्टी में फूट पड़ने के बाद से अब तक शरद पवार और अजित पवार गुट ने क्या-क्या फैसले लिए? किस तरह से दोनों पार्टी पर खुद के अधिकार का दावा कर रहे हैं?
अजित गुट ने अब तक क्या-क्या किया?
एनडीए में शामिल हुए नौ बागी बने मंत्री: दो जुलाई की बात है। पार्टी के फैसलों से नाराज चल रहे अजित पवार ने अचानक से एनडीए में शामिल होने का एलान कर दिया। एनसीपी के आठ विधायकों के साथ वह राजभवन पहुंच गए। एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल होते हुए खुद डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। आठ अन्य एनसीपी विधायकों को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। अजित गुट ने दावा किया कि उनके पास एनसीपी के 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। असली एनसीपी अजित पवार के साथ ही है।
सुनील तटकरे को प्रदेश अध्यक्ष: तीन जुलाई को अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि सुनील तटकरे पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे। वे जयंत पाटिल की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे। पाटिल को पद से हटाए जाने की जानकारी दे दी गई है। विधानसभा स्पीकर को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
पार्टी नेताओं की बैठक हुई, अजित पवार का गुट भारी दिखा: पांच जुलाई को अजित पवार ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। अजित गुट का दावा है कि उनके पास 42 से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन है। इसके अलावा एमएलसी, सांसद और पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 53 में से 30 विधायक अजित पवार की बैठक में शामिल हुए। पांच एमएलसी भी इस दौरान अजित के साथ खड़े दिखाई दिए।
चुनाव आयोग में याचिका, पार्टी पर हक जताया: अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में याचिका दायर कर पार्टी पर खुद का हक जताया। इसके लिए पार्टी के विधायकों, सांसदों और विधान परिषद सदस्यों का हलफनामा भी दिया। अजित गुट ने ये भी दावा किया कि 30 जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। इसमें सर्वसम्मति से शरद पवार की जगह अजित पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है।
नए पदाधिकारियों का भी एलान: अजित पवार ने मुंबई और पुणे अध्यक्ष की नियुक्ति की। नरेंद्र राणे को मुंबई एनसीपी और दीपक मनकर को पुणे अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी।
शरद पवार गुट ने क्या-क्या किया?
सांसदों पर कार्रवाई, विधायकों की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव पास किया
एनसीपी नेता ने अजित पवार के बागी होने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी। एनसीपी के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा अजित पवार समेत अन्य नौ विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा।
एनसीपी अनुशासन समिति ने पार्टी नौ विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। यह वही विधायक हैं, जिन्होंने अजित पवार के साथ बीते दिन शपथ ग्रहण की थी। इसके अलावा एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने पार्टी प्रमुख शरद पवार को लिखे पत्र में सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। सुप्रिया की सिफारिश के बाद शरद पवार ने दोनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने का फरमान जारी कर दिया।
शरद पवार ने भी की बैठक, लेकिन नहीं पहुंचे ज्यादा विधायक
पांच जुलाई को ही अजित के चाचा और एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार ने भी एक बजे बैठक की। इसमें करीब 17 विधायक पहुंचे। दो एमएलसी भी पहुंचे। एनसीपी के पांचों लोकसभा सांसद इस बैठक में शामिल हुए। मतलब अजित के मुकाबले शरद खेमे में विधायकों के समर्थन की कमी दिखी।
चुनाव आयोग में अजित के दावे का विरोध
शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग में कैविएट दाखिल की। एनसीपी पर अजित पवार गुट के दावे को खारिज करने की मांग की। ये भी कहा कि इस मामले में कोई भी फैसला लेने से पहले उन्हें भी सुना जाए।
दिल्ली में भी बैठक की, अजित के दावे को खारिज किया
शरद पवार ने छह जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की। इसमें भतीजे अजित पर पलटवार किया। कहा कि अजित के अध्यक्ष होने का दावा झूठा है। अभी मैं ही एनसीपी का अध्यक्ष हूं। शरद पवार ने अजित गुट को गैरकानूनी करार दिया।
बैठक के बाद केरल एनसीपी के प्रमुख पीसी चाको ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि पार्टी की सभी 27 यूनिट शरद पवार के साथ हैं। महाराष्ट्र में पार्टी की एक भी यूनिट उनके साथ नहीं है। राज्य की पांच इकाईयों के अध्यक्षों ने लिखित पत्र भेजकर अपनी सहमति जाहिर की है।