चंडीगढ़। पंजाब के तरन तारन जिले में एक पुलिस थाने पर हाल ही में हुए रॉकेट संचालित ग्रेनेड (आरपीजी) हमले के सिलसिले में पुलिस ने छह लोगों को पकड़ा है, जिनमें दो नाबालिग शामिल हैं। पुलिस ने इनमें से चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो नाबालिगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि आरोपियों की पहचान नौशेरा पन्नुआन के गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी (18), चोहला साहिब के गुरलाल सिंह गहला (19), थथिया महंत गांव के गुरलाल सिंह उर्फ लाली (21), नौशेरा पन्नुआन के जोबान प्रीत सिंह (18) और दो नाबालिगों के रूप में की गई है।
यादव ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी के निर्देश पर हमला किया गया। नौ दिसंबर को तरन तारन के सरहाली पुलिस थाने पर एक आरपीजी दागा गया था। यह राज्य में पिछले सात महीनों में इस तरह का दूसरा हमला था।
चंडीगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत में डीजीपी यादव ने कहा कि जांच से खुलासा हुआ है कि घटना का मास्टरमाइंड कनाडा में रह रहा गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा है।
उन्होंने बताया कि लांडा ने पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी के निर्देश पर यूरोप में रह रहे दो अपराधियों-सतबीर सिंह सत्ता और गुरदेव सिंह जैसल के जरिये हमले की योजना को अमलीजामा पहनाया।
यादव के मुताबिक, सत्ता और जैसल ने गोइंदवाल साहिब जेल में बंद अजमीत सिंह की मदद से हमले को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि हमले में सोवियत काल में बने एकल इस्तेमाल वाले 70 एमएम कैलिबर के आरपीजी-26 का इस्तेमाल किया गया, जो कि सीमापार से आया था।
पुलिस ने गिरफ्तार लोगों के पास से तीन पिस्तौल और अन्य गोला-बारूद समेत एक हथगोला और अपराध में इस्तेमाल मोटरसाइकिल बरामद की है।
डीजीपी ने कहा कि इस अपराध को अंजाम देने वाले मॉड्यूल में शामिल सदस्य एक दूसरे को नहीं जानते थे। गोपी और गहला को बृहस्पतिवार को पट्टी और सरहाली से गिरफ्तार किया गया था। गोपी के खुलासे पर हथगोला बरामद हुआ। जांच से खुलासा हुआ कि गोपी ने साढ़े आठ लाख रुपये और .30 बोर की पिस्तौल और गोलियां हासिल की थीं।
गोपी और गोहला ने बताया कि लांडा और सत्ता ने दो नाबालिगों को भी हमले की जिम्मेदारी सौंपी थी।