नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कुछ हफ्तों तक शांति से विरोधप्रदर्शन करने वाले किसानों ने अब संक्रमण कम होने के बाद आंदोलन तेज कर दिया है। इस बीच बीते 7 महीनों में अब तक कई किसान घर से दूर दिल्ली के बॉर्डर पर दम तोड़ चुके हैं। गुरुवार को भी भीषण गर्मी के बीच टिकरी बॉर्डर पर दो और किसानों की हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई। ये किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों मृत किसानों की पहचान पंजाब के बरनाला जिले के निवासी राजेन्द्र और कर्म सिंह के रूप में हुई है। साथी किसानों ने बताया कि दोनों लंबे समय से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े हुए थे। पुलिस ने दोनों किसानों के शव को पोस्टमार्टम के लिए बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल में भेज दिया है। किसान संगठनों का दावा है कि बीते 7 महीने में अब तक अलग-अलग आंदोलन स्थलों पर करीब 500 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। कई दौर की वार्ता के बाद फिलहाल किसान और सरकार के बीच बातचीत बंद है।
200 किसानों के खिलाफ FIR दर्ज
इस बीच गाजीपुर बॉर्डर से भी बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद 200 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में भाजपा महासचिव अमित वाल्मीकि ने बुधवार को गाजियाबाद के कौशांबी पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी और भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने धारा 147, 148, 223, 352, 427 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की है।