विदेश मंत्री एस जयशंकर 19वें गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन के लिए युगांडा की राजधानी कंपाला में हैं। इस बीच शनिवार को उन्होंने अपने फलस्तीनी समकक्ष रियाद अल-मलिकी से मुलाकात की है। दोनों नेताओं ने गाजा में चल रहे संघर्ष पर विस्तार से चर्चा की। दो दिवसीय सम्मेलन का आज अंतिम दिन है।
एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में क्या कहा?
जयशंकर ने रियाद के साथ मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा, आज दोपहर कंपाला में फलस्तीनी विदेश मंत्री डॉ. रियाद अल-मलिकी से मिलकर अच्छा लगा। हमने गाजा में चल रहे युद्ध पर विस्तार से चर्चा की। उन्होने आगे कहा, इस दौरान मानवीय और राजनीतिक पहलुओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। भारत ने द्विराष्ट्र-समाधान के समर्थन दोहराया है। दोनों आपस में संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए।
द्विराष्ट्र समाधान के लिए दोहराया समर्थन
इससे पहले शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में भी जयशंकर ने द्विराष्ट्र समाधान के लिए भारत का समाधान दोहराया था। जयशंकर ने कहा, गाजा में संघर्ष अभी हमारे दिमाग में सबसे ऊपर है। इस मानवीय संकट के लिए एक स्थायी समाधान की जरूरत है, ताकि सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिले।
इस्राइल और हमास के बीच जंग जारी
इस्राइल और हमास के युद्ध में गाजा के चौबीस हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। बाकि प्रभावित लोग पानी, बिजली, भोजन और चिकित्सा मदद के बिना कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। दूसरी ओर, युद्ध शुरू होने से पहले हमास के हमले में इस्राइल के 1400 से ज्यादा लोग मारे गए। सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया गया। इनमें से 100 से ज्यादा इस्राइली बंधक अभी हमास के कब्जे में हैं। वहीं, इस्राइल के तेज हमले अब भी जारी हैं। विज्ञापन
बांग्लादेश के विदेश मंत्री से भी मुलाकात
विदेश मंत्री जयशंकर ने आज अपने बांग्लादेशी समकक्ष से भी मुलाकात की है। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा, आज कंपाला में अपने समकक्ष विदेश मंत्री डॉ मोहम्मद हसन महमूद से मिलकर खुशी हुई। उनकी नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी और उनकी सफलता की कामना की। भारत-बांग्लादेश संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। जल्द ही दिल्ली में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं।
ईरान के उप राष्ट्रपति से भी मिले जयशंकर
जयशंकर ने ईरान के उपराष्ट्रपति से भी शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, कंपाला में ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर के साथ सार्थक बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ हाल के क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की। हमारे बीच सहयोग के एजेंडे को आगे ले जाने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया।