कई हफ्तों से चल रहे युद्ध में रूस ने यूक्रेन के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिलने का दावा किया है। रुसी सेना ने मारियूपोल में यूक्रेनी सेना के आखिरी गढ़ स्टीव प्लांट पर आखिरकार कब्जा कर लिया। इसके साथ ही रणनीतिक रूप से बेहद अहम बंदरगाह शहर मारियुपोल पर अब पूरी तरह से रूसी सेना का नियंत्रण में आ चुका है। भीषण लड़ाई के बाद रूस ने मंगलवार को यूक्रेनी सेना के गढ़ बने मारियूपोल के स्टील प्लांट पर कब्जा कर लिया। यूक्रेन ने भी मारियुपोल शहर में पिछले 82 दिनों से जारी भीषण संघर्ष के बाद अंतत: हार मान ली और मारियुपोल में अपने युद्ध अभियान को खत्म करने का ऐलान किया। इसे यूक्रेन की बड़ी हार माना जा रहा है। रूस ने मारियूपोल में 250 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों द्वारा समर्पण किए जाने का दावा किया है।
यूक्रेन की सेना के जनरल स्टाफ ने एक बयान जारी करके कहा, ‘मारियुपोल की रक्षा के लिए तैनात सेना ने अपने लड़ाकू मिशन को पूरा कर लिया है। सुप्रीम मिलिट्री कमांड ने अजोवस्तल स्टील फैक्ट्री में मौजूद कमांडरों को आदेश दिया है कि वे अपने सैनिक की जान बचाएं।’ साथ ही यूक्रेन ने शहर से बाहर बनी स्टील फैक्ट्री में फंसे अपने सैनिकों को निकालना शुरू कर दिया है। सबसे पहले 260 सैनिकों को बाहर निकाला गया है जो बुरी तरह से घायल थे, लेकिन रूसी हमले के कारण उन्हें निकाला नहीं जा सका था। यूक्रेनी सेना के मुताबिक स्टील प्लांट में करीब 600 सैनिक मौजूद थे।
वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक संबोधन में कहा कि हमें उम्मीद है कि हम अपने योद्धाओं को बचाने में कामयाब होंगे। उनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं, जिनकी देखभाल की जा रही है। यूक्रेन अपने नायकों को जीवित रखना चाहता है। उधर, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने मंगलवार को यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों की जांच के लिए 42 सदस्यीय टीम भेजी है। उसके मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा था कि यह इस संस्था के इतिहास में सबसे बड़ी तैनाती है।