उमेश पाल हत्याकांड: सिपाही की गिरफ्तारी के बाद अफसरों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

बरेली जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक अशरफ की उसके गुर्गों से अवैध तरीके से मुलाकात कराने के मामले में कार्रवाई तेज होने के आसार हैं। सिपाही की गिरफ्तारी के बाद पूरा जेल प्रशासन जांच के घेरे में आ गया है। जेल अधिकारियों पर शासन स्तर से कार्रवाई हो सकती है। अशरफ की जेल बदली जा सकती है।

उमेश पाल हत्याकांड में नामजद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ की मदद करने के आरोप में मंगलवार को बरेली जेल में तैनात सिपाही शिवहरि अवस्थी और जेल में सब्जी की सप्लाई करने वाले नन्हे उर्फ दयाराम को एसओजी और सर्विलांस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया था। सिपाही शिवहरि, नन्हे उर्फ दयाराम समेत अशरफ के साले सद्दाम उर्फ अब्दुल समद और उसके साथी लल्ला गद्दी के खिलाफ बिथरी चैनपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। 

सिपाही शिवहरि पर आरोप है कि वह बिना पर्ची के अशरफ की मुलाकात उसके गुर्गों से अलग करवाता था। उसके गुर्गों से रुपये लेकर अशरफ तक पहुंचाता था। वहीं नन्हे पर आरोप है कि वह खाने-पीने की चीजें अशरफ तक पहुंचाता था। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद जेल प्रशासन की सत्यनिष्ठा पर सवाल लग गया है। 

शक के घेरे में जेल प्रशासन 

दरअसल जेल परिसर में बंदियों तक पहुंचने के लिए तीन गेट पार करने पड़ते हैं, जिन पर हमेशा जेल के सिपाही तैनात रहते हैं। जेल में दो स्कैन मशीन भी लगी हैं, जिनसे स्कैन होने के बाद ही बंदियों से मुलाकात की जा सकती है। जेल परिसर में हर जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। इतनी सुरक्षा के बाद अशरफ की सहायता बिना जेल अधिकारियों की मिलीभगत से नहीं हो सकती है।

बंदियों से मिलने के लिए जेल स्टाफ से पर्ची लेनी पड़ती है। उसके बाद हाथ पर मुहर लगाई जाती है। यह मुहर दिखाने के बाद ही जेल के अंदर मुलाकातियों को भेजा जाता है। फिर स्कैन मशीन और स्टाफ द्वारा हर मुलाकाती की सघन तलाशी होती है। उसके बाद ही बंदी से मुलाकात हो पाती है। ऐसे में अकेला सिपाही शिवहरि अशरफ के गुर्गों को अंदर ले जाकर इतने बडे़ अपराधी से कैसे मुलाकात कराता था, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। 

इसलिए आरक्षी की गिरफ्तारी होने के बाद अब अधिकारियों की भूमिका भी जांची जा रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि जेल में अशरफ को वीआईपी ट्रीटमेंट देने में किस अधिकारी की कितनी भूमिका है। इस स्थिति में अशरफ की जेल बदलना और बड़े अफसरों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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