केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के भाई का अस्पताल में निधन, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

बिहार में अस्पतालों की बिल्डिंग चकाचक करने की तस्वीरें सरकार जारी करती रहती है, लेकिन इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों की गैरमौजूदगी का प्रमाण भी सामने आता रहता है। इस बार यह प्रमाण केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के परिजनों के सामने आ गया। भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (JLNMCH) में शाम पांच बजे केंद्रीय मंत्री के भाई निर्मल चौबे को हार्ट अटैक के बाद लाया गया, लेकिन इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में सीनियर डॉक्टर नहीं मिले। एयरफोर्स से रिटायर्ड निर्मल चौबे की हालत को जूनियर रेजिडेंट ने भी गंभीरता से नहीं लिया। शाम सात बजे मौत के आधे घंटे बाद अस्पताल में लोगों ने जमकर हंगामा शुरू किया और यह साढ़े 8 बजे तक चलता रहा। लापरवाही पर भड़के भाजपा कार्यकर्ताओं ने अधीक्षक से अपने सामने ऑन ड्यूटी दो जूनियर डॉक्टरों का निलंबन करवाया। ICU इंचार्ज के निलंबन पर लोग अड़े रहे, हालांकि रात साढ़े 8 बजे लाश निकलने के बाद भीड़ लौट गई।

तीसरे नंबर पर थे एयरफोर्स से रिटायर्ड निर्मल चौबे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनके बाद रवींद्र चौबे हैं और सबसे छोटे अरविंद चौबे। रवींद्र और अरविंद के बीच में निर्मल चौबे थे। शुक्रवार को उन्हें परिजन चेस्ट पेन की शिकायत के साथ भागलपुर में मायागंज स्थित JLNMCH लेकर आए। अस्पताल में करीब दो घंटे उनकी सांसें चलती रहीं। अस्पताल अधीक्षक तो नहीं ही थे, ICU में इंचार्ज या कोई सीनियर डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे। जांचों के दौरान हार्ट अटैक की पुष्टि के बावजूद यह स्थिति थी और परिजनों के अनुसार वहां उन्हें कोई इलाज नहीं मिला। इलाज में लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए परिजन रो रहे थे, तब तक केंद्रीय मंत्री के समर्थक भारी संख्या में अस्पताल पहुंच गए। भागलपुर अश्विनी चौबे की कर्मभूमि रही है, इसलिए उनके भाई की इस तरह मौत पर हंगामा बढ़ता गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे घटना के समय हैदराबाद में थे। वह भागलपुर के लिए निकल चुके हैं। सुबह तक पटना पहुंचेंगे।

छह थानों की पुलिस पहुंची, लाश निकलने तक हंगामा
मौके पर सिटी SP आनंद कुमार के अलावा छह थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने वाले शांत नहीं हुए। लोगों ने लापरवाही के लिए डॉक्टरों को निलंबित कराने की मांग रखी। पुलिस ने बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया तो अधीक्षक डॉ. असीम दास ने दो जूनियर रेजिडेंट डॉ. आदित्य और डॉ. विनय कुमार के निलंबन का आदेश भीड़ के सामने ही लिखा। इसके बाद भी लोग साढ़े 8 बजे तक हंगामा करते रहे। अस्पताल अधीक्षक ने स्वीकार किया कि वह उस समय नहीं आ सके थे और आईसीयू इंचार्ज भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर मुझे अपडेट दे रहे थे, हालांकि उन्होंने लापरवाही के आरोप में दो जूनियर रेजिडेंट को निलंबित किए जाने की भी जानकारी खुद दी।

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