केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 12 फरवरी को CNG से चलने वाले पहले ट्रैक्टर को हाल ही में लॉन्च किया है। यह देश का पहला डीजल ट्रैक्टर है। इसमें CNG किट लगाया गया है। इस CNG ट्रैक्टर को रामैट टेक्नो सॉलूशन्स और तोमासितो अचिल्ले इंडिया ने आपसी सहयोग से तैयार किया है। इस ट्रैक्टर के इस्तेमाल से सालाना डीजल खर्च पर 1.5 लाख रुपये की बचत की जा सकती है।
बता दें कि इस ट्रैक्टर को बनाने का मुख्य उद्देश्य है खेती में आने वाली लागत को कम करना और खेती से होने वाले आय को बढ़ाना है। CNG ट्रैक्टर को लॉन्च करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धमेंद्र प्रधान, पुरुषोत्तम रुपाला और रिटायर्ड आर्मी जनरल वीके सिंह भी शामिल थे।
इवेंट में नितिन गडकरी ने बताया कि ‘सरकार ट्रैक्टरों में CNG में बदलने के लिए केंद्र स्थापित कर रही है, जहां काफी कम कीमत पर ट्रैक्टरों में CNG किट लगवाया जा सकता है। ऐसे केंद्रों को देश के हर जिले में खोलने की योजना तैयार की गई है। सरकार ट्रैक्टरों में CNG में बदलने के लिए केंद्र स्थापित कर रही है, जहां काफी कम कीमत पर ट्रैक्टरों में CNG किट लगवाया जा सकता है। ऐसे केंद्रों को देश के हर जिले में खोलने की योजना तैयार की गई है।’
यह देश का पहला ट्रैक्टर जिसमे CNG किट लगाई गई है और वो खुद नितिन गडकरी का है। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नितिन गडकरी को ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सौंपकर ट्रैक्टर का अनावरण किया।
नितिन गडकरी ने बताया कि ‘CNG किट लगाने के बाद इस ट्रैक्टर का 6 महीने तक खेतों में परिक्षण किया गया। परिक्षण में पाया गया कि यह ट्रैक्टर उतनी ही कुशलता से काम करती है जितना एक डीजल पर चलने वाली ट्रैक्टर करती है।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘इसके अलावा यह डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले 75 प्रतिशत कम उत्सर्जन करती है। CNG ट्रैक्टर किसानों के लिए कई तरह से लाभकारी हैं। CNG ट्रैक्टर एक डीजल ट्रैक्टर के बराबर या उससे अधिक भी पॉवर जनरेट करने में सक्षम होता है। उन्होंने आगे बताया कि CNG ट्रैक्टर से ईंधन के खर्च पर 50 प्रतिशत की बचत भी की जा सकती है। एक लीटर डीजल की कीमत करीब 77.43 रुपये है जबकि 1 किलोग्राम सीएनजी की कीमत 42 रुपये है।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘एक किसान साल में डीजल पर 3-3.5 लाख रुपये का खर्च करता है, वहीं CNG ट्रैक्टर के इस्तेमाल से सालाना 1.5 लाख रुपये की बचत की जा सकती है। उन्होंने बताया कि डीजल के जैसे CNG में भारी धातु नहीं होते इसलिए इससे ट्रैक्टर के इंजन को नुकसान न के बराबर होता है। साथ ही प्रदूषण भी कम होता है।’
गडकरी ने एक रिपोर्ट के हवाले से जानकारी दी कि ‘दुनियाभर में 1.20 लाख से अधिक CNG वाहन चल रहे हैं। यह वाहनों से हो रहे प्रदूषण को कम रखने में मदद कर रहे हैं। अगर भारत में भी सीएनजी ट्रैक्टरों का चलन शुरू हुआ तो इससे किसानों को काफी फायदा होने वाला है। नितिन गडकरी ने बताया की सीएनजी ट्रैक्टरों के लिए मानक तय कर दिए गए हैं। जल्द ही CNG ट्रैक्टर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।’