केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु पर अधिकारियों को पीटने का आरोप

मोदी सरकार में मंत्री विश्वेश्वर टुडु पर सरकारी अधिकारियों से मारपीट का आऱोप लगा है। आरोप है कि शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ने भाजपा जिला कार्यालय में दो सरकारी अधिकारियों से मारपीट की जिसमें वो घायल हो गए। इस मामले में केंद्रीय मंत्री के खिलाफ थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने इन आरोपों से इनकार किया है। दोनों में एक अधिकारी ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कराया है। सरकारी अधिकारी का बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किया गया है।

फाइल नहीं लाने पर हुआ नाराज

विश्वेश्वर टुडु जलशक्ति व आदिवासी मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने इन दोनों सरकारी अधिकारियों को बारीपाड़ा स्थित पार्टी कार्यालय में एक समीक्षा बैठक के लिए बुलाया था। यह मयूरभंज जिले का जिला मुख्यालय शहर है। कहा जा रहा है कि दोनों अधिकारी सरकारी फाइल के साथ यहां नहीं आए थे जिसके बाद केद्रीय मंत्री इन दोनों अधिकारियों पर बुरी तरह नाराज हो गए। केद्रीय मंत्री ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया।

कमरा बंद कर कुर्सी से पीटा

मयूरभंज जिले के प्लानिंग बोर्ड के सहायक निदेशक देबाशीष अधिकारी ने बताया, ‘हमने उन्हें समझाने की कोशिश की थी कि अभी पंचायत चुनाव को देखते हुए आदर्श आचार संहिता लागू है और इसलिए हम फाइल नहीं ला सके। लेकिन वो नाराज हो गए औऱ हमारी बात सुनने से इनकार कर दिया। उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया औऱ कुर्सी उठाकर हमें पीटने लगे।’

अधिकारी का टूटा हाथ

रघुनाथ मूर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के चिकित्सकों का कहना है कि इस मारपीट में मोहपात्रा का दाहिना हाथ टूट गया। जबकि इस बैठक में शामिल प्लानिंग बोर्ड के निदेशक अश्विनी मलिक भी जख्मी हो गये हैं। दोनों अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस घटना की जानकारी जिला कलेक्टर को दी है। बाद में मलिक ने इस मामले में थाने में शिकायत भी की।


केंद्रीय मंत्री का आरोपों से इनकार 

इधर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से केंद्रीय मंत्री ने इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह गलत और आधारहीन आरोप हैं। टुडु ने दावा किया कि दोनों आरोपों ने मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसे आरोप लगाए हैं। हालांकि, टुडु ने यह माना है कि उन्होंने दोनों अधिकारियों को समीक्षा बैठक के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कहा था कि वो बाद में आएं क्योंकि मैं चुनाव के कार्य में व्यस्त हूं।’


 

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