नई दिल्ली: कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में जारी है। दिल्ली की सिंधु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर इलाकों में किसान जमे हुए हैं। किसान कृषि कानून को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं। अब किसानों ने आंदोलन के 4 महीने पूरे होने पर 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। वहीं 15 मार्च को किसान संगठन, ट्रेड यूनियन भी पेट्रोल-डीजल की कीमत की बढ़ोतरी का विरोध करेंगे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक किसान यूनियनों ने 26 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। तीनों कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान यूनियनों ने बताया कि कुछ ट्रेड यूनियन भी 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल की रेट में हुई बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ उनके विरोध में शामिल होंगे।
वहीं इससे पहले 6 मार्च को आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम किया था। किसानों यूनियनों ने 11 बजे से शाम 4 बजे तक चक्का जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला था। सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून के खिलाफ किसान नेताओं ने अपनी रणनीति साफ की हुई है। उसका कहना है कि जब तक सरकार इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है, तब तक किसान धरना स्थल से नहीं उठेंगे। वहीं दूसरी तरफ कृषि मत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी किसान संगठनों से बातचीत की बात दोहरा चुके हैं।