संयुक्त किसान मोर्चा ने लिया एक्‍शन, ट्रैक्टर परेड में रूट बदलने वाले दो किसान संगठन निलंबित

गणतंत्र दिवस के मौके पर जब देश खुशियां मना रहा था उस वक्त दिल्ली की सड़कों पर संग्राम छिड़ा था. ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्‍ली में जमकर हिंसा हुई. तोड़फोड़ किये गये. और सरक्षा पर तैनात पुलिसकर्मियों को जख्मी किया गया. इधर, हिंसा के बाद जहां दिल्ली पुलिस आरोपियों को खोज-खोज पर पकड़ रही है वहीं, अब संयुक्‍त किसान मोर्चा भी रैली के दौरान रुट बदलने वाले संगठनों पर कार्रवाई करने में जुट गया है.

जी हां, दिल्ली में ट्रैक्टर परेड वाले दिन रुट बदलने वाले किसान संगठने पर कार्रवाई हो रही है. संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा फैसला लेते हुए ट्रैक्‍टर परेड के दौरान रूट बदलने वाले दो संगठनों को निलंबित कर दिया है. यहीं नहीं दोनों किसान संगठनों के खिलाफ जांच कमेटी भी बनाई गई है. अब कमेटी यह जांच करेगी कि रैली में शामिल दोनों संगठनों के पदाधिकारी भूलवश रास्ता भटककर दूसरे रूट पर गए थे या उन्होंने जानबूझ कर रूट बदला था.

इससे पहले भाकियू क्रांतिकारी सुरजीत फूल गुट के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल, आजाद किसान कमेटी के हरपाल सिंह सांगा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, संयुक्‍त किसान मोर्चा के अधिकारियों का यह भी कहना है कि परेड में जो संगठन अलग रूट पर गए थे उनके खिलाफ कमेटी जांच के बाद फैसला लिया जाएगा. बता दें, बीते दिन शनिवार पंजाब के 14 किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने बैठक की. और आगे की रणनीति पर चर्चा की.

गौरतलब है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने माफी मांगी थी, और परेड तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया था. हालांकि, इसके बाद भी प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. आंदोलन अबभी जारी है.

दो अक्तूबर तक दिल्ली की सीमाओं पर जारी रहेगा प्रदर्शन: किसान नेता राकेश टिकैत ने एलान किया कि किसानों की मांगों से कोई समझौता नहीं होगा़ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन दो अक्तूबर तक जारी रहेगा. आंदोलन के दौरान हर गांव से संपर्क करने की कोशिश की जायेगी.

हम बातचीत के लिए तैयार: वहीं, सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ नेता दर्शनपाल ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है. हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हमें कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है. सरकार को नये प्रस्ताव के साथ आना चाहिए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here