यूपी: पीएम केयर फंड से मिले 182 वेंटिलेटर कबाड़ होने की कगार पर

उत्तर प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में लंबे समय से खराब 182 वेंटिलेटर कबाड़ होने की कगार पर हैं। वर्ष 2020 में पीएम केयर फंड से मिले इन वेंटिलेटरों की मरम्मत में खर्च अधिक बताया जा रहा है। उधर, चालू हालत में मौजूद 2,315 वेंटिलेटरों के वार्षिक मरम्मत चार्ज (एएमसी) में भी पेंच फंस गया है। गौरतलब है कि कोरोना काल में पीएम केयर फंड से चिकित्सा शिक्षा विभाग को 2,497 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए थे। इन्हें 33 चिकित्सा संस्थानों व मेडिकल कॉलेजों में लगाया गया।

सूत्रों का कहना है कि वेंटिलेटर खरीदते समय एएमसी नहीं जोड़ी गई थी। ये सभी केंद्र से सीधे भेजे गए थे। वहीं, यहां के अधिकारियों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। जब ये वेंटिलेटर खराब होने लगे तो एएमसी की याद आई। संबंधित कंपनी से संपर्क किया गया तो उसने मरम्मत का शुल्क मांगा। कंपनी मरम्मत के नाम पर प्रति वेंटिलेटर की कीमत की 15 फीसदी धनराशि मांग रही है। जबकि सामान्य तौर पर वेंटिलेटर की लागत का चार से पांच फीसदी की दर से ही मरम्मत कराई जाती है।

ऐसे में स्वास्थ्य महानिदेशालय कंपनी से लगातार बातचीत कर वाजिब मूल्य लेने की बात कह रहा है। इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों से दो दौर की बैठकें भी हो चुकी है। हालांकि कंपनी द्वारा मरम्मत चार्ज कम नहीं करने पर दूसरे विकल्प भी तलाश रहे हैं। यह भी प्रयास किया जा रहा है कि पहले से निर्धारित मूल्य से कुछ अधिक कीमत पर कंपनी राजी हो जाती है तो ठीक है, अन्यथा दूसरी कंपनियों से भी बातचीत की जाए।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सर्वाधिक 60 वेंटिलेटर खराब
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में सर्वाधिक वेंटिलेटर खराब हैं। यहां पीएम केयर फंड के 126 वेंटिलेटर भेजे गए थे। इनमें से 60 खराब पड़े हैं। इसी तरह एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में 131 में से 10, महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी में 94 में से 24, राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर में 73 में से 18, राजकीय मेडिकल कॉलेज आजमगढ़ में 96 में से 20 और उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई में 134 में से 50 वेंटिलेटर खराब हो चुके हैं। 

देखा जा रहा है कि कितने की कराई जा सकती है मरम्मत
वेंटिलेटर की मरम्मत के लिए राज्य बजट से प्रावधान किया जा रहा है। इसमें यह देखा जा रहा है कि खराब पड़े वेंटिलेटर में कितने की मरम्मत कराई जा सकती है। जो क्रियाशील हैं, उनकी वार्षिक मरम्मत को लेकर भी संबंधित कंपनी से बातचीत चल रही है। -श्रुति सिंह, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय

इसलिए महत्वपूर्ण है वेंटिलेटर 
वेंटिलेटर एक ऐसा उपकरण है, जो फेफड़ों में ऑक्सीजन भेजकर सांस लेने का प्रक्रिया करता है। जब कोई मरीज खुद से सांस नहीं ले पाता है तो उसे वेंटिलेटर के सहारे ऑक्सीजन दी जाती है। यह अत्यंत गंभीर मरीजों में प्रयोग होता है। कोरोना काल के दौरान इसकी ज्यादा जरूरत थी। 

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