यूपी: मार्क्सशीट मामले में अब्दुल्ला आजम ने अपनी मां को भी कोर्ट में घसीटा

पूर्व मंत्री आजम खां के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां ने हाईस्कूल की अपनी मार्क्सशीट में आयु बढ़ाने की मांग वाली याचिका दायर की है। सिविल जज सुनील कुमार ने मामले में विपक्षियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए 13 जुलाई की तारीख तय की है। जन्मतिथि के विवाद में अब्दुल्ला अपनी विधायकी गवां चुके हैं।

अब्दुल्ला की याचिका में सीबीएसई के निदेशक व क्षेत्रीय अधिकारी, केजीएमयू के रजिस्ट्रार, मां तजीन फातिमा, रामपुर के सेंट पॉल स्कूल के प्रधानाचार्य और नगर आयुक्त, लखनऊ नगर निगम को विपक्षी बनाया गया है। मामले में सीबीएसई के वकील शशांक भसीन कोर्ट में हाजिर हुए, उन्हें अगली तारीख पर बोर्ड की ओर से जवाब दाखिल करना है।

याचिका में अब्दुल्ला ने हाईस्कूल मार्क्सशीट में दर्ज जन्मतिथि को एक जनवरी 1993 के स्थान पर 30 सितंबर 1990 करने की मांग की है। इसमें बताया गया कि आजम खां व तजीन फातिमा के चौथे पुत्र के रूप में अब्दुल्ला का जन्म तत्कालीन केजीएमसी (वर्तमान में केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में 30 सितंबर 1990 को हुआ था। 

अस्पताल रिकॉर्ड में यह दर्ज है कि तजीन फातिमा ने 30 सितंबर को एक पुत्र को जन्म दिया। इसी रिकॉर्ड के आधार पर नगर निगम लखनऊ ने अब्दुल्ला आजम का जन्म प्रमाणपत्र भी जारी किया था। याची का कहना है कि उसने हाईस्कूल की पढ़ाई रामपुर के सेंट पॉल स्कूल में से की। जहां गलती से जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्ज हो गई। वर्ष 2015 में एमटेक किया, तब पता चला कि जन्मतिथि गलत दर्ज है। याची ने सीबीएसई के निदेशक व क्षेत्रीय अधिकारी को पत्र लिखकर जन्मतिथि सही करने का अनुरोध किया लेकिन जन्मतिथि सही नहीं की गई। याचिका के मुताबिक याची वर्ष 2017 में स्वार विधानसभा क्षेत्र से विजयी हुआ लेकिन हाईकोर्ट ने एक चुनाव याचिका में उसके खिलाफ आदेश दिया। 

 इससे उसकी विधायकी चली गई। सिविल जज ने इस मामले में अन्य पक्षों को सुने बिना अब्दुल्ला को राहत देने से इन्कार कर दिया। हालांकि विपक्षियों को नोटिस जारी कर उन्हें जवाब दाखिल करने को कहा है।

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