यूपी: को-वैक्सीन लगवाने के बावजूद कोरोना संक्रमित हो गया सिविल अस्पताल का डॉक्टर

देश के साथ ही उत्तर प्रदेश में इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण की तेज गति से टेस्टिंग के साथ ही वैक्सीनेशन भी हो रहा है। को-वैक्सीन की डोज लेने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के एक डॉक्टर के कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग के साथ ही शासन व प्रशासन में खलबली मच गई है।

सिविल अस्पताल के डॉक्टर की कोविड टेस्ट की रिपोर्ट सोमवार को दिन में करीब एक बजे आने के बाद से अस्पताल में खलबली मची है। प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की डोज लेने के बाद भी संक्रमण का पहला मामला आने के बाद से लखनऊ के सीएमओ का अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉ नितिन मिश्रा कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उन्होंने को-वैक्सीन की डोज ली थी। फिलहाल डॉक्टर होम क्वारंटाइन में चले गए हैं। 

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके नंदा ने बताया कि डॉ नितिन को तीन-चार दिनों पहले खांसी, बुखार की दिक्कत हुई थी। इसके बाद वह छुट्टी चले गए थे। उन्होंने अपनी कोरोना जांच कराई। तब रिपोर्ट पॉजिटिव होने की जानकारी मिली। डॉक्टर नंदा के अनुसार डॉ. नितिन ने पहली डोज 16 फरवरी को व दूसरी डोज 15 मार्च को ली थी। दूसरी डोज लेने के तीन-चार दिनों बाद उनमें खांसी बुखार और जुखाम जैसे लक्षण आए थे। उन्होंने बताया कि डॉक्टर के संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच कराई जा रही है साथ ही उन लोगों को भी क्वारंटाइन रहने को कह दिया गया है। डॉ. नितिन ने 20 मार्च को अपनी आरटीपीसीआर जांच कराई थी। 21 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। 

रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बावजूद नहीं है कोई दिक्कत: डॉ. नितिन की रिपोर्ट पॉजिटिव है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार उन्हेंं कोई विशेष दिक्कत महसूस नहीं हो रही है। उनका स्वास्थ्य ठीक है। सिर्फ हल्की खांसी व बुखार के लक्षण हैं। सांस इत्यादि लेने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। हल्के लक्षण होने की वजह से वह होम आइसोलेशन में हैं। 

वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित: एसीएमओ लखनऊ डॉ एमके सिंह ने कहा कि इसे लगवाने से ज्यादातर लोगों में कोरोना का संक्रमण नहीं होगा। अगर कुछ को हो भी गया तो उनकी स्थिति उतनी गंभीर नहीं होगी। यह बात पहले से कही जा रही है। जिन लोगों को वैक्सीन लगाने के बाद संक्रमण हो रहा है, उन पर निगरानी की जा रही है। अब यह पता लगाया जाएगा कि किन परिस्थितियों में वह संक्रमित हुए। मगर इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

वैक्सीन की सुरक्षा पर संदेह नहीं: जो डॉक्टर संक्रमित हुए हैं, वह दूसरी डोज लगने के दूसरे तीसरे दिन ही संक्रमित हो गए हैं । जबकि नियम यह है कि दूसरी डोज लगने के करीब 14 दिन बाद यानी पहली डोज के 42 दिन बाद एंटीबॉडी डिवेलप होती है। यह डॉक्टर एंटीबॉडी डिवेलप होने के पहले संक्रमित हुए हैं। ऐसे में वैक्सीन की सुरक्षा पर संदेह नहीं किया जा सकता।

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