यूपी: अयोध्या में रामलला के मंदिर में उमड़ रही हैं श्रद्धालुओं की भीड़

राम जन्मभूमि जहां एक ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा राम मंदिर के निर्माण का कार्य दिन प्रतिदिन अपने आयाम को पा रहा है. तो वहीं अब देश भर से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में भारी इजाफा हुआ है. बीते वर्ष करोना काल में अयोध्या धाम में रामलला के श्रद्धालुओं की तादाद में भारी गिरावट हुई थी. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश और प्रदेश के तीर्थ स्थलों पर इसका प्रभाव पड़ा था. लेकिन परिस्थितियां अब सामान्य हो रही हैं, और कोरोना के मामले घट रहे हैं. शायद यही कारण है कि अब लोग अपने घरों से निकलकर तीर्थ स्थलों और अन्य पर्यटक स्थलों की ओर अपना रुख कर रहे हैं, जिसका असर अयोध्या धाम में भी दिख रहा है. अयोध्या में रामलला के श्रद्धालुओं की आमद में विशेष बढ़ोतरी हुई है.

पहले जहां रामलला के दर्शनार्थियों की प्रतिदिन की संख्या महज 10 हजार से 15 हजार होती थी, तो वहीं अब यह संख्या संख्या 50 हजार से 55 हजार तक पहुंच गई है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कैंप कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने TV9 भारतवर्ष को जानकारी दी कि धीरे–धीरे अयोध्या में रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या और बढ़ेगी. आने वाले कुछ महीनों में यहां संख्या लाखों की तादात में हो सकती है.

इसलिए बढ़ी तीर्थ यात्रियों की तादाद

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कैंप कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि राम जन्मभूमि पर जिस तरह से राम लला का भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य अपनी प्रगति पर है और अब देश से कोरोना का भय भी समाप्त हो रहा है, जिसका असर अब दिखने लगा है. इसी कारण अयोध्या में तीर्थ यात्रियों की तादाद अब बढ़ने लगी है.

तेजी से चल रहा मंदिर निर्माण

राम जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर निर्माण के तीसरे चरण का निर्माण कार्य दिन रात चल रहा है. राम मंदिर के चबूतरे पर कर्नाटक से आए ग्रेनाइट पत्थरों को लगाया जा रहा है. राम मंदिर निर्माण कार्य के दौरान मंदिर की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मंदिर निर्माण कार्य में लगी कार्यदाई संस्थाओं के जिम्मेदार अधिकारी मंदिर निर्माण में प्रयोग होने वाले स्टोन की बारीकियों से जांच करने के बाद ही उन्हें प्रयोग में ले रहे हैं. कर्नाटक की खदानों से नेचुरल ग्रेनाइट का प्रयोग मंदिर के निर्माण में किया जा रहा है. लगभग 5 फीट लंबे 3 फीट चौड़े आकार के लगभग 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों को मंदिर निर्माण के प्रयोग में लिया जाएगा.

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