उ.प्र.:अयोध्या आस पास के जिले में भाजपा और सपा में सीधा मुकाबला

सियासी गलियों में शोर बहुत है। कहीं मुद्दों का। तो कहीं वादों का। तो कहीं समीकरणों का। इसका शोर…। उसका शोर…। पर, जोर किसका है?  पब्लिक है, सब जानती है…। वह सबको मथ रही है। परख रही है। पूरब हो या पश्चिम…। मुद्दे तो एक जैसे ही हैं। छुट्टा जानवरों की समस्या। बेरोजगारी…। तो दूसरी तरफ तारीफें भी कम नहीं। पर, इनमें जोर कितना है? खांचों में बंटी सियासत में यह सवाल तीखा है। ध्रुवीकरण के बिना जब बातें पूरी नहीं होतीं…। जातीय अस्मिता का सवाल जहां सारे सवालों से बड़ा हो जाता है, तो मुद्दों की बिसात ही क्या?  अयोध्या, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर के मतदाताओं के दिल की बातें…

अयोध्या में राममंदिर बनने का जोश… मतदाताओं में बेरोजगारी, महंगाई और छुट्टा जानवरों जैसी समस्याओं पर चर्चा
सरयू की लहरों की मानिंद सियासत की धारा भी बदलती रहती है। 2017 में केसरिया रंग चटख हुआ तो अयोध्या, सुल्तानपुर व अंबेडकरनगर की 15 सीटों में से 11 भगवा रंग में रंग गईं। तीन सीटें बसपा और एक सपा को मिली थीं। उपचुनाव हुआ तो अंबेडकरनगर जिले की एक सीट सपा ने बसपा से छीन ली। चुनाव आते-आते बसपा के बचे दोनों विधायकों के साथ ही प्रमुख चेहरे भी साइकिल पर सवार हो गए। आमजन की चर्चाओं मे जो कुछ सामने आता है, उससे साफ है कि यहां लड़ाई भाजपा और सपा के बीच है। हालांकि, नई टीम के साथ बसपा मुकाबले को अलग रंग देने में जुटी है। 

अयोध्या : मंदिर निर्माण से बना वीवीआईपी क्षेत्र
सियासी उथल-पुथल के बीच सरयू अपनी रौ में बह रही हैं। मतदाताओं के मिजाज की थाह लेने के लिए हम पौ फटने से पहले निकले। हमारा पहला पड़ाव था राम की पैड़ी। कड़कड़ाती ठंड में भी यहां सरयू मैया की जयकार के साथ डुबकी लगाते साधु-संतों से लेकर पर्यटन से रोजगार तलाशते युवा और व्यापारी मिले। जैसे ही पर्यटकों भरी नाव किनारे लगाकर अजय मांझी आए, हमने उनसे सियासी चर्चाएं छेड़ दीं। उन्होंने कहा, इस बार तो सपा से टक्कर होगी। इस पर राममिलन पांडेय फट पड़ते हैं। वे बोले-तुम्हारी उम्र ही क्या है, हमने लोगों को मरते देखा है। अंजनी पंडा कहते हैं, अयोध्या को दुनिया की सबसे सुंदर नगरी बनाने वाले कभी नहीं हार सकते। मोदी ने हर वर्ग व जाति के गरीबों को घर दिया है। राशन, तेल, नमक तक मुफ्त मिल रहा है। नाविक राजू भी बोल पड़े, योगी ने दीपोत्सव का सिलसिला शुरू कर हमारी कमाई बढ़ा दी है। मनीष माझी गर्व से कहते हैं, अब तो यह देश का सबसे वीवीआईपी क्षेत्र हो गया है। 

हनुमानगढ़ी पहुंचे तो हमें महंत राजू दास मिले। वे कहते हैं, राममंदिर बनते देखकर तो बसपा महासचिव सतीश मिश्र, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसौदिया समेत तमाम विपक्षी नेता भी बहुत प्रभावित नजर आते हैं, मगर बाहर जाते ही सियासी हो जाते हैं। पुजारी रमेश दास का मानना है कि मोदी-योगी सांस्कृतिक विरासतों का सृजन कर रहे हैं। वे कहते हैं, ऐसे मुद्दों पर जातीय दीवारें ढह जाती हैं, लेकिन ऊंट किस करवट बैठेगा, अभी कुछ पक्का नहीं कह सकते। 

सब चाहते हैं योगी यहां से लड़ेें
महंत बलराम दास कहते हैं, सब चाहते हैं कि योगी यहां से लड़ें। बाकी संत भी इसका समर्थन करते हैं। व्यापार मंडल के नेता नंदकुमार गुप्ता नंदू अलबत्ता कुछ सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं, चौड़ीकरण के नाम पर दर्जनभर दुकानें तोड़ दी गईं, सैकड़ों तोड़ी जानी हैं। इसका चुनाव में नुकसान होगा। वहीं, गुलाबबाड़ी पार्क में मिले मो. अरशद खान, मो. नौशाद, मो. असद, मो. साहिल कहते हैं, इस बार कहीं न तो बसपा चलेगी और न ओवैसी। कैसे? इस सवाल पर वे सिर्फ इतना कहते हैं, सपा अबकी बार सबको जादू दिखाएगी। अजय कुमार कोरी भी पिल पड़े। उन्होंने जवाबी हमला किया, यदि मुसलमान बसपा छोड़ेेंगे, तो दलित भाजपा में जा सकता है।

बीकापुर और गोसाईंगंज : मुद्दों के साथ सरकारी सुविधाओं की भी चर्चा
बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले भदरसा कस्बे में राशन की दुकान पर मिले सभासद अब्दुल गफ्फार का अनुमान है कि सपा ही जिले की ज्यादातर सीटें जीतेगी। मुफ्त राशन लेकर निकल रहीं साजिया बानो ने जवाब दिया-सुविधा तो यही सरकार अच्छी दे रही है। सभासद मुनव्वर खान और साजिद खान अपनी बात अलग तरीके से रखते हैं। वे कहते हैं, बीकापुर में भाजपा का प्रत्याशी कमजोर है। वहीं, दयाशंकर निषाद व राजेश कुमार पांडेय कहते हैं, पार्टी से कोई भी चुनाव लड़े, क्या फर्क पड़ता है? वोट तो मोदी के नाम पर ही मिलेगा। पूर्व सभासद मनोज गुप्ता भी कुछ ऐसे ही तर्क देते हैं। वह कहते हैं, भाजपा की लहर चल रही है। वहीं, शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य सैयद शबीहुल हसन बोले, हम तो पुराने कांग्रेसी हैं। पर, अभी तो जैसा माहौल है उसमें कहीं उम्मीद ही नहीं दिख रही है। वहीं, बीकापुर में चाय की चुस्की लेते हुए अरबाज खान कहते हैं, भाई कोई कुछ भी कहे, इस बार तो सपा ही जीतेगी।  आलोक सिंह तपाक से कहते हैं, कैसे जीतेगी? गन्ना भुगतान  अखिलेश सरकार में कभी समय से हुआ नहीं। मिल प्रशासन नेताओ के घर पर्चियां पहुंचाता था। कन्हैया गौड़ बोले, किसान छुट्टा जानवरों से परेशान हंै, बहुत नाराजगी है। वहीं, राजेश तिवारी कहते हैं कि नौकरी तो मेधावी को ही मिल रही है, घूस खत्म हो गई है।

वहीं, गोसाईंगंज के कोछाबाजार में चाय की दुकान पर मिले राजनरायन सिंह कहते हैं, सपा इस बार जीत का रिकॉर्ड बना सकती है, क्योंकि बाहुबली को टक्कर देने वाले बाहुबली विधायक को सजा हो गई है। देवेंद्र मिश्रा जवाब देते हैं कि उनकी पत्नी चुनाव लड़ेंगी तो फिर वोट वैसे ही बरसेगा। चंद्रशेखर राणा भी बहस में कूद पड़े। वे बोले, तिवारी परिवार ही सपा को टक्कर दे सकता है। अंसार हुसैन ने जवाबी हमला बोला, कहीं कोई टक्कर नहीं है, सपा की लहर है। गोसाईंगंज बाजार के लीडराबाद तेलियागढ़ तिराहे पर  मिले मो. सईद कहते हैं, बाहुबलियों की लड़ाई में मुद्दे गौड़ हो जाते हैं। भाजपा को स्वच्छ छवि का प्रत्याशी देकर बदलाव लाना चाहिए। प्रेमप्रकाश ने जवाब दिया, अपराधी-माफिया तो इस सरकार में भयभीत रहा, लेकिन छुट्टा पशु फसल खा जा रहे हैं।

रुदौली व मिल्कीपुर : सुविधाएं बनाम समस्याएं
रुदौली के भेलसर चौराहा के पास ही एक दुकान पर चल रही गरमागरम सियासी बहस बता देती है कि यहां चुनावी रंग किस कदर चढ़ चुका है। कुलदीप कहते हैं कि कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। आप बताओ, चुनाव जरूरी है या लोगों की जिंदगी? किसान परवेज अहमद सवाल उठाते हैं, अगर कानून का राज है तो अब तक केंद्रीय मंत्री पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? किसान मत्थु यादव बोल पड़े, क्या काम हुआ है, कुछ सड़कें तो एक बरसात भी नहीं झेल पाईं। अकुल कुमार ने कहा कि गरीबों को मुफ्त राशन मिल रहा है। सुविधाएं बढ़ी हैं। मुफ्त में वैक्सीनेशन हो रहा है। इसपर किसान विकास सिंह ने जवाबी हमला बोला, सरकारी संस्थाओं को तो बेचा जा रहा है। किसान शुभम गुप्ता ने कहा कि छुट्टा पशुओं से फसल बचाने के लिए खेतों में रात बितानी पड़ रही है। मिल्कीपुर सुरक्षित सीट के मिल्कीपुर के रेवतीगंज बाजार में एक चाय की दुकान पर घूरेहटा निवासी शिक्षक सुरेंद्र यादव कहते हैं, शिक्षा और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा हो गया है। निमड़ी के डेयरी इंचार्ज जीतबहादुर सिंह व देवकली माफी के जितेंद्र शुक्ला कहते हैं, मौजूदा सरकार में बड़े-बड़े अपराधी पानी मांग रहे हैं। पाराताजपुर के सुभाष यादव अखिलेश के 300 यूनिट फ्री बिजली व सिंचाई की चर्चा उठाते हैं तो आदिलपुर के सज्जन पाठक तुरंत जवाब देते हैं, यह सरकार भी तो मुफ्त में राशन दे रही है। किसान सम्मान निधि खाते में आ रही है। कुछ भी कहो, भाजपा की सरकार फिर बनेगी। इस पर पूर्व बीडीसी मनोज कुमार बोले, अखिलेश को कम मत आंको।

सुल्तानपुर : भाजपा-सपा में दिख रही सीधी लड़ाई
इसौली, लंभुआ, कादीपुर
सुल्तानपुर की इसौली सीट का मिजाज कैसा है, यह जानने के लिए हम हरौरा बाजार पहुंचे। यहां मिले शालिग्राम यादव कहते हैं, सपा-भाजपा में टक्कर होगी। रामगोपाल यादव कहते हैं, बोरी में पांच किलो खाद घट गई, लेकिन दाम वही है। रामबहादुर पाल जवाब देते हैं कि मिल तो रही है, पहले तो यह भी नहीं मिलती थी। वहीं, लंभुआ बाजार में चाय की दुकान पर मिले सिद्धार्थ झा कहते हैं, वैसे तो सब ठीक है, लेकिन छुट्टा जानवरों से हो रहे नुकसान की भरपाई किसान कैसे करे? आशुतोष मौर्य ने कहा, थाना-तहसील से लेकर ब्लॉक के काम बिना पैसे के नहीं होते। बात काटते हुए बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि यह कैसे भूल जाते हो कि गुंडागर्दी बंद हो गई है। पशुओं को छुट्टा क्या सरकार छोड़ती है? नहीं ना…? मो. रियाज और राजेश पांडेय जनप्रतिनिधियों की जनता से दूरी का सवाल उठाते हैं। कादीपुर सुरक्षित सीट के मिजाज का जायजा लेने हम लीडराबाद सर्किट हाउस के पास पहुंचे। यहां मिले प्रदीप कुमार मौर्य व दिनेश पांडेय कहते हैं कि भाजपा सबसे आगे है। वहीं, संतोष कुमार अग्रहरि ने कहा कि भाजपा-बसपा की लड़ाई है। वहीं, शैलेंद्र व भूपेश पाठक ने कहा कि राम के नाम पर सभी एकजुट हैं। बृजेश कुमार ने कहा कि बस प्रत्याशी बदल जाए तो भाजपा जीत सकती है। मो. रफीक व एजाज खां ने कहा कि बंगाल की तरह भाजपा को झटका लगेगा।

सदर व सुल्तानपुर : जातीय गोलबंदी का भी दिख सकता है असर
आदिगंगा गोमती नदी के तट पर बसे सुल्तानपुर जिले का सदर विधान सभा क्षेत्र है। कूरेभार बाजार में थाने के सामने चाय की दुकान पर मिले नरायनपुर गांव के अनिल मिश्रा कहते हैं, यहां से तीन किमी. दूर जफरापुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन में पीएम मोदी आए थे, लेकिन दूसरे दिन आधी रात तक अखिलेश के लिए उमड़ी भारी भीड़ ने अलग ही नजारा दिखाया। वे कहते हैं, परेशान किसानों ने छुट्टा पशुओं को स्कूल में बंद कर दिया तो उन पर मुकदमा हो गया। मीरामानिकपुर के प्रधानपति राजेश सिंह कहते हैं, भाजपा का माहौल है, लेकिन प्रत्याशी बदलना पड़ेगा। दलित राम सजीवन अलग तर्क देते हैं। वे कहते हैं, इस बार एससी वोट बसपा के साथ नहीं, भाजपा के साथ जा रहा है। आवास हमें ही नहीं, पिता और भाइयों को भी मिला है। दलित महेंद्र प्रताप कहते हैं कि भाजपा सब दे रही है तो वोट जाति पर क्यों देंगे? सुनील कुमार वर्मा कहते हैं कि भले ही अन्य इलाकों में कुर्मी वोटर नाराज हों, लेकिन यहां तो सब भाजपा के साथ हैं। फूलपुर ग्रामसभा की चट्टी पर मिले विक्रम पटेल कहते हैं कि इस शासनकाल में दंगा-फसाद नहीं हुआ, इसलिए भाजपा ही आएगी।
फूलपुर से आगे सुल्तानपुर सीट शुरू होते ही तिवारीपुर में मिले रवि कुमार कसौधन, मेहंदीलाल, अयोध्या प्रसाद क्षेत्र का नाम कुशभवनपुर करने की जरूरत बतातेे हैं। धनपतगंज बाजार में मिले अतरसुइया के जमुना प्रसाद पांडेय, अमरपाल सिंह कहते हैं कि किसान भाजपा से नहीं, सांड से परेशान हंै।  दिव्यांग गया प्रसाद कोरी, केवलपति व गुरुदयाल कहते हैं, राशन, दाल, तेल के बाद नमक भी मुफ्त मिला है। घर भी मिला है। डेनवा गांव के नेतई राम व जयप्रकाश इलाके के मुस्लिम बहुल गांवों के नाम गिनाते हुए कहते हैं कि वोट दो तरफा बंट गया है।
हसन अब्बास और रियाज अहमद कहते हैं, हम तो बसपाई हैं, पर भाजपा को हराने के लिए सपा के साथ जा सकते हैं। पकड़ीपुर के कमरुद्दीन कहते हैं कि लोग समझते हैं कि मुसलमान भाजपा के विरोध में ही वोट करता है। हम भी सही गलत देखते हैं।

अंबेडकरनगर : अकबरपुर में बसपा भी लड़ाई में दिख रही
बसपा के गढ़ वाले इस जिले की अकबरपुर सीट पर सबसे ज्यादा दलित वोटर हैं। कुर्मी, राजभर, मुस्लिम व ब्राह्मण भी बड़ी संख्या में हैं। पांच बार बसपा से विधायक रामअचल राजभर सपा में चले गए हैं। पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा और उनके समर्थक इस सीट को उन्हें  देने को तैयार नहीं हैं। भाजपा से अच्छा प्रदर्शन करने वाले चंद्र प्रकाश वर्मा इस बार बसपा से ताल ठोक रहे हैं। अकबरपुर के तहसील रामपुर सकरवारी में हम पहुंच तो यहां पान की दुकान पर गरमा-गरम चर्चाएं चल रही थीं। राजेंद्र प्रसाद माली कहते हैं, रामअचल को बसपा ने निकालकर अपना नुकसान किया है, लेकिन राममूर्ति वर्मा का टिकट कटा तो बसपा कड़ी टक्कर देगी। पिंटू कुमार साहू कहते हैं कि रामअचल सर्वसुलभ हैं, सभी जाति में उनका वोट है, तमाम लहर आई-गई, वे नहीं हारे। अकबर तहसील तिराहे पर अलाव ताप रहे रियाद अली कहते हैं कि यहां तो सपा-बसपा ही लड़ेगी। तो इसराइल कहते हैं कि भाजपा से जब तक प्रत्याशी सामने नहीं आ जाए, तब तक कुछ कहना ठीक होगा। लालजी तिवारी कहते हैं कि रामअचल और लालजी वर्मा जैसे दिग्गजों के जाने से बसपा कमजोर हुई है। बीपी दुबे भी मानते हैं कि सपा और बसपा की लड़ाई होगी। लाल मोहम्मद कहते हैं कि कुर्मी वोटों का ध्रुवीकरण परिणाम तय करेगा। वहीं, कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के गोपालपुर चौराहा पर राशन की दुकान पर मिले गयाप्रसाद कहते हैं, शंखलाल मांझी को सपा में किनारे करना नुकसान करेगा। सतीश कुमार वर्मा और बुद्धिराम गुप्ता सरकार की योजनाएं गिनाते हुए कहते हैं कि राशन मुफ्त ले जा रहे हैं तो वोट उसी को देंगे। रेखा, सुनीता, दुखना कहती हैं, हाथी का करै, जे खवाई, वही के वोट दीन जाए। केशवराम वर्मा कहते हैं कि अभी खेत से 15 सांड भगाकर आ रहे हैं। छुट्टा पशु से वोट पर असर पड़ेगा।

आलापुर, जलालपुर और टांडा : जनता तैयार, बस प्रत्याशी का इंतजार
आलापुर सीट भाजपा ने जीती थी, लेकिन इस बार माहौल बदला-बदला सा है। राकेश मिश्रा कहते हैं कि पीएम मोदी की छवि के आगे जातीय राजनीति का असर नहीं है। शनि कहते हैं, यहां विकास केवल बसपा राज में हुआ। तीरथ यादव धान क्रय केंद्रों की परेशानी का मुद्दा उठाते हैं तो श्यामलाल यादव व गिरैयाबाजार के वीरेंद्र तिवारी महंगाई का। राजेसुल्तानपुर में भी लोग त्रिकोणीय मुकाबले की बात करते दिखे। पान की दुकान पर मौजूद विवेक सिंह ने कहा कि भाजपा की योजनाओं से सब खुश हैं। मो.शाहिद भी हां में हां मिलाते हुए कहते हैं, मुसलमानों के लिए भी बहुत काम हुआ है। हेमंत यादव, रामसेवक व फूलचंद उनकी बातों को काटते हुए कहते हैं कि भाजपा से तंग लोग अब सपा की ओर देख रहे हैं। जलालपुर सीट की बात करें तो विधानसभा क्षेत्र में मिले राधेश्याम शुक्ल कहते हैं, किसान निधि मिल रही है, लेकिन छुट्टा पशुओं से नुकसान ज्यादा हो रहा है। रिटायर्ड प्रधानाचार्य अशोक पांडेय को इलाके का पिछड़ापन अखरता है। व्यापारी हरिराम गौतम अपराध कम होने को सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हैं। पूर्व प्रधान रामानंद पासवान व किसान जितेंद्र सिंह कहते हैं, वोटों का ध्रुवीकरण बसपा के साथ ज्यादा है, लेकिन भाजपा और सपा के प्रत्याशियों का चेहरा साफ होने पर तय होगा कि कौन मुकाबले में हैै। टांडा के मीरापुर में चुनावी चर्चा में लोग भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर गिनाते हैं।  छात्र शिशिर मौर्य कहते हैं, नौकरी देने में कंजूसी हुई है, लेकिन सरकार की ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। किसान सुनील पासवान कहते हैं कि चुनाव गरमाएगा तो वोट जाति, संप्रदाय में बंटते दिखेंगे।

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