बंद चीनी मिलों की खाली जमीनों को किराए पर देगी योगी सरकार

यूपी सरकार राज्य की बंद पड़ी सरकारी चीनी मिलों की खाली जमीन को अब लीज पर देने की तैयारी कर रही है। हालांकि ये जमीनें सरकार के ही संस्थानों को दी जाएंगी। लीज पर देने की शुरुआत गोरखपुर की धुरियापार चीनी मिल से होगी। इस मिल की खाली जमीन को 20 साल के लिए लीज पर इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) को दी जाएगी।

आईओसी इस जमीन पर सेकेंड ग्रेड एथेनॉल बनाने का प्लांट लगाएगी, जिस पर करीब 800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह मिल उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ की है। इसके बाद चंदौली समेत अन्य स्थानों की चीनी मिलों की जमीनों को लीज पर दिया जाएगा।

यह जानकारी गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने दी है। उन्होंने बताया कि बीस साल की लीज खत्म होने के बाद फिर समीक्षा की जाएगी। अगर दोनों पक्ष सहमत होंगे तो लीज बढ़ेगी नहीं तो जमीन और उस पर लगने वाला प्लांट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आ जाएगा। सचिव ने स्पष्ट किया कि बंद चीनी मिलों की जमीनों को किसी भी हालत में नहीं बेचा जाएगा।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उ.प्र.सहकारी चीनी मिल संघ और उ.प्र.राज्य चीनी निगम की ऐसी बंद पड़ी चीनी मिलों की समीक्षा की गई जिनके अब फिर से चलने की संभावनाएं बहुत कम है क्योंकि वहां अब गन्ने की पैदावार या तो बहुत कम हो गई है या किसानों ने दूसरी फसलें अपना ली हैं। इन मिलों की खाली पड़ी जमीनों का प्रयोग करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिष्टानों को लीज पर दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

साल 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले कुल 31 चीनी मिलें बंद थीं, जिनमें से गोरखपुर की मुंडेरवा और बस्ती की पिपराइच चीनी मिलों को शुरू करवाई गईं। इसी क्रम में अब बाराबंकी की बुढ़वल और मथुरा की छाता चीनी मिल के फिर से संचालन पर विचार किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here