यूपी: राज्यपाल ने प्रो. विनय पाठक के खिलाफ बैठाई जांच की निरस्त

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के पूर्व कुलपति व छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय कानपुर के वर्तमान कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के खिलाफ बैठाई गई जांच को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने निरस्त कर दिया है। एकेटीयू के तत्कालीन कुलपति प्रो. पीके मिश्रा ने एक फरवरी को हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था।

राजभवन ने कहा है कि प्रो. पाठक ने कुलाधिपति को पत्र भेजकर प्रो. पीके मिश्रा की ओर से मनगढंत शिकायतों के आधार पर उनके खिलाफ गठित की गई जांच कार्यवाही को समाप्त करने का अनुरोध किया था। राजभवन ने कहा है कि नियमानुसार कुलपति को अपने पूर्व के अधिकारी के खिलाफ कोई जांच कार्यवाही करने का प्रावधान नहीं है। कुलपति के खिलाफ जांच कुलाधिपति के स्तर से की जा सकती है।

तत्कालीन कुलपति प्रो. पीके मिश्रा की ओर से अपने स्तर से हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन करना नियमानुसार नहीं है। ऐसे में कुलाधिपति ने एक फरवरी 2023 को गठित जांच/कार्यवाही को निरस्त कर दिया है। राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी ने इससे संबंधित पत्र एकेटीयू के वर्तमान कुलपति को भेजा है।

बता दें कि प्रो. पीके मिश्रा ने डॉ. अभिजीत सिन्हा की शिकायत व यूजीसी के सचिव के पत्र को आधार बनाते हुए एक फरवरी 2023 को जांच कमेटी का गठन किया था। जिसमें उन्होंने प्रो. पाठक के समय हुए कार्य परिषद, वित्त समिति के बैठकों के निर्णय, उनके कार्यकाल में हुई भर्तियों, नियुक्तियों, ई-कंसोर्टियम, 1700 करोड़ के निवेश, प्रो. पाठक की पीएचडी आदि की जांच को कहा था। हालांकि इसके कुछ दिन बाद ही प्रो. पीके मिश्रा पद से हटा दिए गए थे और बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

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