यूपी: राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार ट्रेन यात्रा पर निकले कोविंद, राज्यपाल-सीएम ने किया स्वागत

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से एक विशेष ट्रेन से आज सुबह उत्तर प्रदेश के कानपुर में अपने पैतृक स्थान पहुंचे. इस मौके पर रेलवे स्टेशन पर रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सुनीत शर्मा भी मौजूद थीं. यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी ने उनका स्वागत किया. कानपुर सेंट्रल से राष्ट्रपति सर्किट हाउस पहुंचे. यहां उनके साथ मुख्यमंत्री योगी भी मौजूद रहे.

दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को एक विशेष ट्रेन से उत्तर प्रदेश स्थित अपने जन्म स्थान की यात्रा पर निकले जहां वह अपने स्कूली दिनों और अपनी समाज सेवा के शुरुआती दिनों के मित्रों-परिचितों के साथ संवाद करेंगे. पंद्रह साल के अंतराल के बाद भारत के राष्ट्रपति ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं.

राष्ट्रपति भवन ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘ राष्ट्रपति कोविंद दिल्ली में सफदरजंग रेलवे स्टेशन से कानपुर के लिये एक विशेष ट्रेन पर सवार हुए. ट्रेन कानपुर देहात के दो स्थानों झींझक और रूरा पर रुकेगी और शाम को कानपुर सेंट्रल पहुंचेगी. ’’राष्ट्रपति भवन द्वारा ट्वीट के साथ जारी चित्र में रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी देखा जा सकता है. राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद पहली बार अपने जन्मस्थान जा रहे हैं. उन्होंने पहले भी यहां की यात्रा की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते यह योजना अमल में नहीं आ सकी.

इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने कहा था कि ट्रेन में चढ़ने के साथ ही राष्ट्रपति अपनी पुरानी स्मृतियों को ताजा करेंगे, जिनमें उनके बचपन से लेकर देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचने तक का सात दशक का जीवनकाल शामिल होगा. ट्रेन कानपुर देहात के दो स्थानों झींझक और रूरा पर रुकेगी, जहां राष्ट्रपति अपने स्कूली दिनों और अपनी समाज सेवा के शुरुआती दिनों के मित्रों-परिचितों के साथ संवाद करेंगे। ये दोनों स्थान राष्ट्रपति के जन्म स्थान कानपुर देहात के गांव परौंख के नजदीक हैं, जहां 27 जून को उनके सम्मान में दो कार्यक्रम होने हैं.

15 साल बाद राष्ट्रपति कर रहे हैं ट्रेन से यात्रा

इससे पहले 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट्स की पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए एक विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हुए थे. राष्ट्रपति भवन के अनुसार, रिकॉर्ड बताते हैं कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कई बार ट्रेन का सफर किया था. राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने बिहार की यात्रा के दौरान अपने जन्म स्थान सिवान जिले में जीरादेई का भ्रमण किया था. वह राष्ट्रपति की विशेष ट्रेन से छपरा से जीरादेई पहुंचे, जहां उन्होंने तीन दिन बिताए थे। उन्होंने ट्रेन से पूरे देश की यात्रा की थी.

डॉ. प्रसाद के बाद अन्य राष्ट्रपति भी देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए ट्रेन के सफर को प्राथमिकता देते रहे. राष्ट्रपति कोविंद राज्य की राजधानी लखनऊ की अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए 28 जून को कानपुर सेंट्रल स्टेशन से ट्रेन से रवाना होंगे. 29 जून को, वह एक विशेष विमान से नई दिल्ली लौट आएंगे. वहीं, रेलवे ने कहा कि राष्ट्रपति के निर्देश पर राष्ट्रपति सलून सेवा को बंद कर दिया गया था जो आजादी के बाद से उपयोग में रही थी.

उत्तर रेलवे के बयान के अनुसार, इससे करदाताओं का करोड़ों रूपये बचाये जा सके जो सालाना सलून के रखरखाव आदि में खर्च होते थे. कोविड के बाद जब देश स्थिति से उबरने में जुटा तब भारतीय रेलवे ने राष्ट्रपति से इस लोक परिवहन से यात्रा करने का अनुरोध किया. रेलवे ने कहा कि राष्ट्रपति की दिल्ली से उनके पैतृक गांव में यात्रा के लिये विशेष ट्रेन सेवा संचालित की गई. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी यात्रा के उद्देश्य से ट्रेन का उपयोग करने के लिये राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया.

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