यूपी: शव को मुखाग्नि दे रहे थे लोग, धुएं से उड़ी मधुमक्खियों ने दर्जनों को काटा, 18 हुए जख्मी

शहीद स्मारक भाले सुल्तान थाना क्षेत्र में अंतिम संस्कार में शामिल होने गए लोगों पर मधुमिक्खयों ने हमला कर दिया। हमले से वहां भगदड़ मच गई। मधुमिक्खयों के हमले में भाई का अंतिम संस्कार करने गए युवक सहित 18 लोग जख्मी हो गए। उनका निजी चिकित्सकों के यहां इलाज कराया गया। इलाज के दौरान भाई का अंतिम संस्कार करने गए युवक की मौत हो गई। मृतक के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

शहीद स्मारक भाले सुल्तान इलाके के गुरुगंज मजरे टांडा निवासी ओम प्रकाश यादव (50) की बीमारी के चलते बुधवार को मौत हो गई थी। शाम को परिवार के लोग व रिश्तेदार अंतिम संस्कार करने गांव के बाहर बाग के पास पहुंचे थे। मृतक ओम प्रकाश के शव को जब उनके बेटे निखिल ने मुखाग्नि दी तो उससे निकले धुएं से पड़ोस की बाग में आम व पीपल पेड़ पर लगी मधुमिक्खयां उड़ने लगीं। मधुमिक्खयों के झुंड ने अंतिम संस्कार में शामिल लोगों पर हमला कर दिया। हमले से वहां भगदड़ मच गई। लोग बचने के लिए इधर उधर भाग खड़े हुए।

इस बीच मुखाग्नि दे रहे मृतक के बेटे निखिल यादव को भी मधुमिक्खयों ने काटना शुरू किया। यह देखकर मृतक ओम प्रकाश का भाई गयानाथ (38) अपने भतीजे निखिल को बचाने पहुंचा तो उसे भी मधुमिक्खयों ने बुरी तरह नोच डाला। घटना के बाद किसी तरह अंतिम संस्कार किया गया। उसके बाद जख्मी लोगों ने अपना निजी चिकित्सकों के यहां इलाज कराया। गयानाथ को प्राइवेट चिकित्सक के यहां ले जाया गया। उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया। जहां बृहस्पतिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराया है।

ये लोग हुए जख्मी
मधुमिक्खयों के हमले में लालबहादुर, राकेश, संजीवन, राजू, नंदकुमार, अजय, रामनरायन, जगदीश, रामकेवल, राममिलन, त्रिभुवन, गुड्डू, राजनारायण, राजकुमार, जीत बहादुर, रामकुमार, मनीष आदि घायल हुए हैं।

सात माह में परिवार के चार लोगों की गईं जानें
मधुमिक्खयों के हमले से मृतक हुए गयानाथ के परिवार से सात माह के भीतर चार लोगों की मौतें हुई हैं। ग्रामीणों के मुताबिक चार सितंबर 23 को गयानाथ की मां सरस्वती की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। उसके बाद अब से करीब 22 दिन पूर्व 26 फरवरी को उसके पिता कालीदीन की बीमार के कारण जान चली गई थी। बुधवार को उसके बड़े भाई ओम प्रकाश भी बीमारी के कारण चल बसे। अब जब वह भाई के अंतिम संस्कार में पहुंचा तो मधुमिक्खयों के हमले से उसकी भी जान चली गई।

कैसे चलेगी परिवार की जीविका
मधुमिक्खयों के हमले में जान गंवाने वाले गयानाथ के परिवार में कोई पुरुष नहीं है। उसकी पत्नी कुसुमा, बेटी सपना व मोहिनी परिवार में हैं। गयानाथ ही परिवार की जीविका चलाता था। एक बेटी शादी लायक हो गई है। ऐसे में परिवार की जीविका और बेटियों की शादी कैसे होगी, यह सोच कर गयानाथ की पत्नी व बेटियों का रोक कर बुरा हाल है।

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