सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई एक किशोरी के साथ पाली के थानाध्यक्ष ने थाना परिसर में बने अपने कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। किशोरी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। एसओ के कहने पर किशोरी की मौसी ही उसे थाने में लेकर पहुंची थी। चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के बाद घटना का खुलासा हुआ। एसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है। एसओ समेत चार युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
कानपुर जोन के एडीजी भानु भास्कर ने दुष्कर्म मामले में एसओ की संलिप्तता के बाद पूरे पाली थाने को लाइन हाजिर कर दिया। बुधवार सुबह एडीजी ने यह आदेश जारी किया। उन्होंने डीआईजी जोगेंद्र कुमार को पूरे मामले की जांच सौंपते हुए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। थाने के जो स्टाफ लाइन हाजिर किए गए हैं उनमें 6 एसआई, 6 हेड कांस्टेबल, 10 आरक्षी, 5 महिला आरक्षी, 1 चालक और 1 फालोवर शामिल हैं।
नाबालिग से दुष्कर्म के बाद फरार पाली थाने के पूर्व एसओ तिलकधारी सरोज की तलाश में डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने तीन पुलिस टीमें गठित की हैं। आरोपी दरोगा की तलाश में सर्विलांस टीम भी लगी है। उसकी तलाश में प्रयागराज के गंगापार इलाके में देर रात दबिश दी गई। परिवार के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। डीआईजी का कहना है आरोपी दरोगा की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। उधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए डीआईजी जोगेंद्र कुमार ललितपुर में कैंप कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आने की सूचना पर पुलिस सुरक्षा भी वहां बढ़ा दी गई है। अखिलेश यादव को पीड़िता से मिलने देने की इजाजत को लेकर संशय बना हुआ है।