उत्तर प्रदेश में निर्वाचन आयोग ने आज पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में पंचायत चुनाव होंगे। 15 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा। दूसरे चरण 19 अप्रैल, तीसरा चरण 26 अप्रैल और चौथा चरण का चुनाव 29 अप्रैल को होगा।
सभी 18 मंडल के एक-एक जिले में पहले चरण का चुनाव होगा। 2 मई को मतगणना होगी। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही यूपी में आचार संहिता लग गई है। सुप्रीम कोर्ट में आज आरक्षण मामले पर सुनवाई होगी।
पहले चरण के मतदान में-
सहारनपुर, गाजियाबाद, रामपुर, बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागराज, रायबरेली, हरदोई, अयोध्या, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, जौनपुर, भदोही में वोट डाले जाएंगे।
दूसरे चरण के मतदान में-
मुजफ्फरनगर, बागपत, गौतम बुध नगर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, गोंडा, महाराजगंज, वाराणसी, आजमगढ़।
तीसरे चरण के मतदान में-
शामली, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, कासगंज, फिरोजाबाद, औरैया, कानपुर देहात, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, उन्नाव, अमेठी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, चंदौली, मिर्जापुर, बलिया।
चौथे चरण के मतदान में-
बुलंदशहर, हापुड़, संभल, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मथुरा, फर्रुखाबाद, बांदा, कौशांबी, सीतापुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, बस्ती, कुशीनगर, गाजीपुर, सोनभद्र, मऊ में वोट डाले जाएंगे।
पहले चरण के मतदान में 18 जिले।
दूसरे चरण के मतदान में 20 जिले।
तीसरे चरण के मतदान में 20 जिले।
चौथे चरण के मतदान में 17 जिले।
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की तारीख
यूपी पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए उम्मीदवारों का नामांकन 3 और 4 अप्रैल को होगा। दूसरे चरण का नामांकन 7 और 8 अप्रैल को होगा। तीसरे चरण का नामांकन 13 और 15 अप्रैल को जबकि चौथे और आखिरी चरण का नामांकन 17 और 18 अप्रैल को होगा।
चुनाव में गड़बड़ी करने वालों पर लगेगा एनएसए
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान गड़बड़ी फैलाने वालों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। चुनावों के दौरान सुरक्षा के भी तगड़े इंतजाम रहेंगे। जोनल मजिस्ट्रेटों को भी खास जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
शिक्षामित्रों ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी से किया इनकार
उप्र. दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने कहा है कि सरकार की उपेक्षा से शिक्षामित्र त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी नहीं करेंगे। संघ ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में भी शिक्षामित्र ड्यूटी नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। अल्प वेतन में शिक्षामित्रों से शिक्षण कार्य के साथ चुनाव ड्यूटी का कार्य भी कराया जा रहा है। संघ ने निर्णय लिया है कि यदि शिक्षामित्रों की मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे शिक्षण कार्य के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं करेंगे।