पीलीभीत बस्ती हाईवे पर शुक्रवार को ट्रक और बस की हुई भिड़ंत में पांच लोगों की मौत के बाद क्षेत्र के लोग स्तब्ध हैं। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि सड़क किनारे एक खराब डीसीएम न खड़ी होती तो हादसा न होता। उधर, हादसे में सिसैया निवासी यात्री जमाल अहमद की मौत के बाद परिवार में मातम पुर्सी का माहौल है, जबकि जमाल की घायल पत्नी रेशमा की हालत गंभीर बनी हुई है। जिसे लखनऊ रेफर किया गया है। शुक्रवार की दोपहर ईसानगर थाना क्षेत्र में ऊंचगांव के पास भरेटा गांव में पीलीभीत बस्ती मार्ग पर बस और ट्रक की टक्कर की गूंज से पूरा इलाका दहल गया। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण बताते हैं कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गूंज एक किलोमीटर तक सुनाई दी। बताया कि हाईवे पर सड़क किनारे एक डीसीएम खराब हालत में खड़ी थी। भूसी भरी ट्रक लखीमपुर की तरफ से आ रही थी तो बस धौरहरा से लखीमपुर को जा रही थी।
बताते हैं कि बस और ट्रक चालक दोनों को जल्दी निकलने की कोशिश में थे। लिहाजा दोनों में आमने सामने की जोरदार टक्कर हो गई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि चूंकि डीसीएम सड़क किनारे खड़ी थी, इसी दौरान बस और ट्रक ने वहां से एक साथ निकलने की कोशिश की लेकिन दोनों की आपस में टक्कर हो गई।
टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि बस गोल गोल घूम गई और बस का मुंह वापस धौरहरा की ओर हो गया। वहीं ट्रक भी पास स्थित पुलिया पर चढ़ गया और उसका मुंह खेतों की तरफ हो गया। बताते हैं कि बस और ट्रक की टक्कर की गूंज व लोगों की चीख पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
हादसे का मंजर देख ग्रामीण दहल गए। बस चालक की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि ट्रक चालक ट्रक के केबिन में फंसा हुआ था। किसी तरह ट्रक के केबिन का दरवाजा तोड़कर चालक को निकाला गया। उसे एंबुलेंस से खमरिया सीएचसी भेजा गया, लेकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।
दवा लेने लखीमपुर जा रहा था जमाल
बस और ट्रक की टक्कर से सिसैया ग्राम सभा निवासी युवक जमाल की मौत के बाद उसके घर में मातम का माहौल है। हादसे के बाद जमाल की मौत की ख़बर पर घर वालों को भरोसा नहीं हो रहा है, जबकि उसकी पत्नी रेशमा की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे लखनऊ रेफर किया गया है।
धौरहरा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिसैया निवासी छोट्टन खां 62 वर्ष दूसरे नंबर का पुत्र जमाल 35 वर्ष अपनी पत्नी रेशमा के साथ शुक्रवार को अपनी
पत्नी की दवा लेने के लिये लखीमपुर जा रहा था लेकिन सिसैया से महज 10 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वह हादसे का शिकार हो गया और उसकी जान चली गई जबकि पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है।
खबर सुनने के बाद बुजुर्ग पिता को गहरा सदमा लगा है, जबकि उसके आठ बच्चों को भरोसा नहीं हो पा रहा है कि उन सबके सिर से पिता का साया उठ गया है। पिता छोट्टन खां ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं, जिसमें जमाल दूसरे नंबर पर था। वह परिवार से अलग घर बनाकर रहता था। बेटे की मौत के बाद अब उन्हें चिंता सता रही है कि जमाल के आठ बच्चों का पालन पोषण कैसे होगा।
बताया कि जमाल मजदूरी पेशा था और मजदूरी करके घर का खर्च चलाता था। जमाल के परिवार में उसके आठ बच्चे अकबाल 16 साल, अफजाल 14 साल, सहमीर 12 साल, सुहेब 10 साल, उमेर 08 साल, रबी 06 साल, महफूज चार साल और अजमल उम्र दो साल है। जमाल के आठों बेटों समेत पूरे परिवार का रोरोकर बुरा हाल है, वहीं उसके घर पर परिचितों की भीड़ जुट रही है।