यूपी: नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर कानपुर समेत कई शहरों के सैकड़ों बेरोजगारों से करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोपी अंबेडकर नगर निवासी दुर्गाशरण मिश्र और लखनऊ निवासी आयुर्वेद विभाग के डॉक्टर राजेश राम को शनिवार को एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया।

एसटीएफ काफी समय से आरोपियों की तलाश में जुटी थी। गिरोह में कई अन्य लोग भी शामिल हैं। कई एसटीएफ की हिरासत में हैं। उनसे पूछताछ जारी है। ऑर्डनेंस फैक्टरी के कई कर्मचारियों को दुर्गाशरण मिश्र ने उनके बेटों आदि की फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था।

प्रत्येक से दो-चार लाख रुपये लिए थे। नौकरी न लगने पर पिछले साल जुलाई में फजलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें सैकड़ों पीड़ित सामने आए थे। कार्रवाई न होने पर इंटक के पदाधिकारियों ने एसटीएफ चीफ अमिताभ यश से मुलाकात कर जानकारी साझा की थी।

 जिसके बाद एसटीएफ लखनऊ की टीम ने शनिवार को अंबेडकर नगर निवासी दुर्गाशरण मिश्र और लखनऊ में आयुर्वेद विभाग के डॉक्टर राजेश राम को गिरफ्तार किया। दोनों ने लंबा समय सीतापुर में बिताया है। पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूला है। 

15 हजार का था इनाम
एसटीएफ के मुताबिक राजेश व दुर्गाशरण पिछले डेढ़ दशक से ठगी का गिरोह चला रहे हैं। दोनों पर कानपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत कई शहरों में एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। दुर्गाशरण पर अयोध्या पुलिस ने 15 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। आरोपी डॉक्टर राजेश राम लखनऊ के जानकीपुर इलाके का रहने वाला है। वर्तमान में उसकी तैनाती रायबरेली में है। 

ट्रेनिंग करवाकर देते थे फर्जी नियुक्ति पत्र
एसटीएफ के मुताबिक आरोपी रेलवे, एफसीआई, इंडियन ऑयल, सचिवालय, सेना समेत कई अन्य विभागों में नौकरी लगवाने का दावा करते थे। रकम लेने के बाद ईमेल पर फर्जी पत्र भेजते थे। उसके बाद लखनऊ में एक-एक महीने की ट्रेनिंग करवाते थे।

यहां तक एक महीने की सैलरी भी देते थे। जिससे लोगों को यकीन हो जाता था और बचे हुए लाखों रुपये भी दे देते थे। कुछ समय पहले एसटीएफ ने इस ट्रेनिंग सेंटर पर छापा मारकर 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहां से भी आरोपी का सुराग लगा था।

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