यूपी: योगी सरकार का ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट फार्मूला कामयाब, 91.40% रिकवरी रेट

कोरोना संक्रमित मरीजों के लगातार कम होते आंकड़ों के बीच एक अच्छी खबर है कि अब प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट 91.40 फीसदी पहुंच गया है। यह यूपी सरकार की ट्रैस, टेस्ट और ट्रीट फॉर्मूले के बेहतर क्रियान्वयन का नतीजा है।

उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य है जहां साढ़े चार करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। मंगलवार को प्रदेश में  2 लाख 99 हजार 327 हुए टेस्ट किए गए। प्रदेश सरकार का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर रोज दो लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। यूपी में पॉजिटिविटी रेट 22 प्रतिशत से घटकर 2.45 प्रतिशत पर आ गया है। प्रदेश में एक लाख 86 हजार सक्रिय मामलों की संख्या घटी है। बड़ी राहत की बात है कि प्रदेश के 47 जिलों में कोविड मामलों का आंकड़ा डबल डिजिट में जबकि चार जिलों में सिंगल डिजिट में पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते 24 घंटो में राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 7,336 मामले आए हैं और 282 मृत्यु पिछले 24 घंटे में पोर्टल पर दर्ज की गई हैं।

यह संख्या 24 अप्रैल को आए 38055 मामलों से लगभग 30 हजार कम है। पिछले 24 घंटों में 19,669 संक्रमित व्यक्ति उपचार के बाद डिस्चार्ज हुए हैं।

वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,23,579 है, जो 30 अप्रैल, 2021 की अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या 3,10,783 से 1.87 लाख कम है। इस प्रकार 30 अप्रैल के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या में 69 फीसदी की कमी आई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में ओवरऑल कोविड पॉजिटिविटी रेट 3.6 फीसदी है। जबकि बीते 24 घंटों में यह दर 2.45 फीसदी रही है। प्रदेश की विशाल जनसंख्या और महामारी की स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश की यह स्थिति संतोषप्रद है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर चर्चा करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने अफसरों को निर्देश भी दिए।

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगी राज्य सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की जिम्मेदारी बताई है। ऐलान किया है कि इन बच्चों का पूरा खर्च अब सरकार खुद उठाएगी। इसके लिए राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है।

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