मुजफ्फरनगर। कचहरी परिसर स्थित चौधरी चरण सिंह सभागार में कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों के लिए प्रशिक्षण हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें लखनऊ से आई टीम ने मुजफ्फरनगर के कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों की समस्याओं का समाधान भी किया। जिला पंचायत सभागार में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब एक केंद्र संचालक ने सीएससी अधिकारियों के सामने अपनी बात रखी तो वहीं पर मौजूद एक अधिकारी ने केंद्र संचालक से माइक लेते हुए अधिकारियों के सामने ज्यादा ना बोलने का दबाव बनाया। सीएससी केंद्र संचालक अंकित ने अवगत कराया कि 3 साल पहले उत्तर प्रदेश सरकार की एक योजना के तहत काम दिया गया था जिसके लिए उन्होंने वह उनकी पूरी टीम ने लगन और मेहनत से काम किया लेकिन कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से उनकी आईडी बंद करा दी गई। जिसके बाद अंकित ने मुजफ्फरनगर डीएम कार्यालय के के बाद चक्कर काटे तो उनकी आईडी तो खुल गई लेकिन उनका बकाया भुगतान कॉमन सर्विस सेंटर की अथॉरिटी द्वारा नहीं किया गया। इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उनके 6 लाख रु का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। अंकित ने सिस्टम कि भ्रष्टाचारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इस भ्रष्ट सिस्टम की वजह से गांव में वह सिर उठाकर नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के जो काम मैंने किए थे उनका उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा। अंकित ने आज की कार्यशाला में लखनऊ से आई टीम को अपनी समस्याओं से अवगत कराया तो सीएससी के असिस्टेंट मैनेजर सिद्धार्थ त्यागी ने उनकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया।