माता वैष्णो देवी भवन में रविवार को मुख्य स्नान घाट से 150 मीटर की दूरी पर स्थित कुछ इमारतों में हल्की दरारें दिखाई देने पर स्नान घाट खाली करवा लिया गया। यह इमारतें मुख्य स्नान घाट से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर स्थित दुर्गा भवन के नजदीक पुलिस स्टेशन के सामने हैं। यहां एक अन्य स्नानघाट है, जहां से 300 श्रद्धालुओं को आनन फानन बाहर निकाला गया। यहां नींव से मिट्टी निकलते भी देखी गई। आपात स्थिति को देखते हुए अब मरम्मत सहित अन्य जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार रोज की तरह प्राकृतिक गुफा व मुख्य स्नान घाट से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर एक अन्य स्नान घाट पर यात्री स्नान कर रहे थे। अचानक तीन मंजिला स्नान घाट व आसपास की दीवारों पर दरारें आने लगीं। सूचना मिलते ही बोर्ड प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभालते हुए स्नान घाट में प्रवेश बंद कराया।
वहां मौजूद यात्रियों को फौरन बाहर निकाला गया। उस समय लगभग तीन सौ यात्री स्नान घाट पर मौजूद थे। स्नान घाट के पास बैरिकेडिंग कर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बढ़ा दी गई। भीतर प्रवेश रोकने के लिए कड़े इंतजाम कर दिए गए।
गौरतलब है कि स्नान घाट के पास ही स्थित दुर्गा भवन का निर्माण कार्य जारी है, जिसे अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस निर्माण कार्य के चलते ही भूमि में हलचल होने से यह घटना होने का अंदेशा जताया जा रहा है। माता वैष्णो देवी के दर्शनों से पहले स्नान की प्रथा पौराणिक काल से चली आ रही है। इसी कारण स्नान घाट पर अकसर भक्तों की भीड़ रहती है।