इज़राइल-गाजा में संघर्षविराम के प्रस्ताव पर अमेरिका ने लगाया अड़ंगा, UN में किया विरोध

अमेरिका ने इज़राइल और गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलीस्तीनी चरमपंथियों के बीच संघर्षविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का बुधवार को विरोध करते हुए कहा कि इससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के युद्ध समाप्त करने के प्रयास बाधित हो सकते हैं। फ्रांस ने इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है। इससे पहले अमेरिका चार बार उसके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से प्रस्ताव जारी कराने के प्रयास उक्त कारण देते हुए ही विफल कर चुका था।

राजनयिकों ने बताया कि सभी अन्य सदस्य देशों ने बयान का समर्थन किया है। प्रेस में बयान जारी करने के लिए सभी 15 सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होती है लेकिन प्रस्ताव के लिए कम से कम नौ सदस्यों की ‘हां’ की जरूरत होती है। अमेरिका या अन्य चार स्थायी सदस्य देशों द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उस प्रस्तावित प्रस्ताव पर बुधवार को अमेरिका के साथ ‘‘बेहद गहन बातचीत” हुई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों ने गाजा में संघर्ष विराम तथा वहां मानवीय मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के प्रवक्ता ने बाद में कहा, ‘‘ हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हम हिंसा को समाप्त करने के लिए जारी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करते हैं और ऐसी किसी कदम का समर्थन नहीं करेंगे जो, हमें लगता है कि ऐसे प्रयासों को कमजोर करेंगे।” प्रवक्ता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर यह जानकारी दी। वहीं, व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की और कहा कि वह संघर्षविराम की दिशा में आज महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन नेतन्याहू ने कहा कि वह ‘‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

यह स्पष्ट नहीं है कि फ्रांस इस प्रस्तावित मसौदे को परिषद के सदस्यों को कब देगा या इस पर मतदान कब होगा, जिसके जवाब में अमेरिका ‘वीटो’ का इस्तेमाल कर सकता है। इज़राइल और फलस्तीन के बीच बीते 10 दिन से चल रही भीषण लड़ाई बुधवार को भी जारी रही। इज़राइल ने बुधवार को गाजा पर हवाई हमले जारी रखे, जबकि फलस्तीनी उग्रवादियों ने भी इज़राइल पर दिन भर रॉकेट दागे। इस बीच, लेबनान से भी उत्तरी इज़राइल में रॉकेट दागे गए। 

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