कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता विधायक दल (नेता प्रतिपक्ष) और उप नेता विधायक दल के चयन में जातीय व गुटीय संतुलन साधने का प्रयास किया। यद्यपि, इन सबके बीच वह क्षेत्रीय संतुलन साधने में चूक गई। कारण यह कि पार्टी के ये तीनों अहम पद कुमाऊं मंडल के खाते में चले गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कार्यकारी अध्यक्ष समेत अन्य पदों पर गढ़वाल को प्रतिनिधित्व देकर संतुलन साधने का प्रयास किया जा सकता है।
कांग्रेस ने आखिरकार लगभग एक महीने के इंतजार के बाद संगठन व विधानसभा के भीतर पार्टी का झंडा बुलंद करने वालों के नाम घोषित कर दिए। प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए करन माहरा राजपूत हैं और अल्मोड़ा जिले की रानीखेत सीट से दो बार विधायक रहे हैं। इस चुनाव में वह पराजित हो गए थे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का करीबी माना जाता रहा है।
नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री यशपाल आर्य को सौंपा गया है। आर्य ऊधमसिंह नगर जिले की अनुसूचित जाति आरक्षित बाजपुर सीट से विधायक हैं। वह पूर्व में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
इनके अलावा उपनेता प्रतिपक्ष भुवन चंद्र कापड़ी खटीमा से पहली बार विधायक बने हैं। कापड़ी ब्राह्मण हैं और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के नजदीकी बताए जाते हैं। इस तरह से पार्टी ने जातीय व गुटीय संतुलन को साधने का प्रयास किया है।