उत्तराखंड सरकार ने इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. कोरोना के मामलों को देखते हुए यात्रा को रद्द करने का फैसला सरकार ने लिया है. इससे पहले IMA ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की थी कि कांवड़ यात्रा के प्रस्ताव को न मानें और इस पर रोक लगाएं. उत्तराखंड में IMA के स्टेट सचिव डॉक्टर अजय खन्ना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह पत्र लिखा था.
IMA की ओर से कहा गया था कि कोरोना की पहली लहर के बाद भी हमने केंद्र की गाइडलाइन नहीं मानी. इसमें लापरवाही हुई जिसके चलते कोरोना की दूसरी लहर आई. दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई. संभावना है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है. इसीलिए भक्तों को उत्तराखंड में नहीं आने देने चाहिए. ताकि राज्य को तीसरे वेव से सुरक्षित रखा जा सके.
मुख्यमंत्री ने कही थी ये बात
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मंत्रियों से दिल्ली में मुलाकात की थी. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कांवड़ यात्रा को लेकर कहा कि सवाल आस्था का है. लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है. हमारी प्राथमिकता है कि लोगों की जान को खतरे में न डाला जाए. हालांकि उन्होंने कहा था कि किसी भी निर्णय से पहले हरियाणा यूपी समेत अन्य राज्यों से चर्चा की जाएगी.
लाखों भक्त आते हैं उत्तराखंड
उत्तराखंड में हर साल सावन के दौरान पड़ोसी राज्यों से भारी संख्या में भक्त आते हैं. कांवड़िया हर साल ब्रह्मकुंड, हरकी पौड़ी, ऋषिकेश, देवप्रयाग औ गोमुख गंगोत्री से गंगाजल भरते हैं. यहां से वह अपने शहरों तक लंबा सफर करते हैं और अपने शहर के शिवालयों में गंगाजल चढ़ाते हैं. कोरोना के कारण पिछले साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगी थी.