उत्तराखंड:देहरादून समेत कई जिलो में हल्‍की बारिश

उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है।

चोटियों पर हिमपात हुआ, जबकि निचले इलाकों में हल्की बारिश हुई।

मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बना रहा, लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी के चलते कुछ स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध हैं।

वहीं, बदरीनाथ हाईवे हनुमानचट्टी के पास बंद है। आज शनिवार सुबह देहरादून समेत कई जिलो में हल्‍की बारिश हो रही है। जिससे एक बार फिर ठंड लौटकर आ गई हैं।

मौसम के करवट बदलने से जौनसार की ऊंची चोटियों में शुमार लोखंडी में चकराता-त्यूणी राजमार्ग पर पड़ी बर्फबारी का नजारा।
उत्‍तराखंड में बर्फबारी

उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी हो रही है। मैदानी इलाकों में कोहरा छाया हुआ है।  

उत्तरकाशी के बडकोट में यमुनोत्रीधाम सहित आसपास की चोटियों पर बर्फबारी होने के साथ ही यमुना घाटी में बारिश का मौसम बना हुआ है।  ठंड में बढ़ोतरी हो गई है। प्रदेश के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार देवभूमि में तीन दिन बारिश हो सकती है। 

मसूरी में हल्की बारिश शुरू हो गई है। जिससे ठंड बढ़ गई है। लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नई टिहरी के आसपास के क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं। बारिश की संभावना है। चमोली जिले में मौसम खराब हो गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है। 

बदरी-केदार में जमकर हुई बर्फबारी
इससे पहले, शुक्रवार को बदरी-केदारनाथ समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है जबकि घाटी क्षेत्रों में बादलों की गर्जना के साथ देर रात तेज बारिश हुई।  केदारनाथ में लगभग दो फीट से अधिक नई बर्फ जमा हुई है जबकि यहां पहले से आठ फीट तक बर्फ है। 

सभी पुनर्निर्माण कार्य ढाई माह से बंद

शीतकाल में बीते नवंबर माह से अब तक धाम में दस से अधिक बार भारी बर्फबारी हो चुकी है, जिससे यहां सभी पुनर्निर्माण कार्य ढाई माह से बंद हैं। साथ ही बिजली, पानी और संचार सेवा भी ठप है। केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग पर भी जंगलचट्टी तक चार से पांच फीट बर्फ है।

इधर, गौरीकुंड, तोषी और त्रियुगीनारायण के ऊपरी जंगलों में भी जमकर बर्फ गिरी है। उधर, द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, कालशिला और पर्यटक स्थल चोपता, बनियाकुंड, दुगलबिट्टा, हरियाली कांठा में दो से ढाई से फीट तक नई बर्फ जमा हुई है।

रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, मयाली, जखोली में देर रात्रि तक बादलों की गर्जना के साथ तेज बारिश हुई। वहीं बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, गौरसों बुग्याल, औली, रुद्रनाथ, लाल माटी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में दिनभर मौसम खराब रहा। 

लगातार बारिश से काश्तकारों के चेहरे खिले
चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश से काश्तकारों के चहरे खिले हुए हैं। असिंचित खेती वाले काश्तकार बारिश पर ही निर्भर रहते हैं। इन दिनों ग्रामीण धान की बुआई के लिए खेतों को तैयार कर रहे हैं। पहाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों में वसंत पंचमी के बाद से खेती बाड़ी का काम शुरू हो जाता है। अधिकांश ग्रामीण इलाकों में लोग हल जोतकर खेतों को तैयार कर रहे हैं, लेकिन सूखे खेतों में हल लगाना काफी मुश्किल हो रहा था।

गेहूं के लिए बारिश फायदेमंद

अब बारिश होने से खेत जोतना आसान हो गया है। हालांकि बारिश के चलते खेती का काम प्रभावित हुआ है, लेकिन इससे काश्तकारों को आसानी हो गई है। ग्रामीण मनिंदर, मनवर, रणजीत आदि का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े हुए थे, जिससे हल लगाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी। अब बारिश होने से राहत मिली है। वहीं गेहूं की फसल के लिए भी यह बारिश काफी लाभदायक मानी जा रही है।

जौनसार-बावर की ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी

मौसम के एकाएक करवट बदलने से जौनसार-बावर की ऊंची चोटियों पर सीजन का छठवां हिमपात हुआ। क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी होने से मौसम सुहाना हो गया। बर्फबारी का नजारा देखने कई लोग लोखंडी व कोटी-कनासर पहुंचे। बर्फबारी के चलते क्षेत्र में ठंड बढ़ने से लोग बेहाल है।

पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से कुमाऊं में भी मौसम में बदलाव की संभावना है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को कुमाऊं मंडल के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। साथ ही गरज के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं। वहीं, तीन हजार मीटर से ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात होगा। साथ ही कहीं कहीं पर ओलावृष्टि हो सकती है।

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