उत्तराखंड: परिवार रजिस्टर के माध्यम से एक लाख से अधिक नए मतदाता बनाये गये

आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश में एक लाख 58 हजार युवा पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। विशेष अभियान चलाकर निर्वाचन विभाग ने एक माह के भीतर एक लाख 11 हजार 243 ऐसे मतदाता बनाए हैं, जिनकी आयु 18 से 19 वर्ष के बीच है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि नवंबर में जब मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था, उस वक्त प्रदेश में 18 से 19 आयुवर्ग के मतदाताओं की संख्या 46 हजार 765 थीं। विशेष अभियान चलाया गया, जिसके बाद अब ऐसे युवा मतदाताओं की संख्या एक लाख 58 हजार आठ पर पहुंच गई है।

सीईओ सौजन्या ने बताया कि युवाओं को मतदाता बनाने के लिए पहली बार विशेष अभियान चला है, जिसमें परिवार रजिस्टर की मदद ली गई। प्रदेश की सभी विधानसभाओं में यह देखा गया कि परिवार रजिस्टर में दी गई जानकारी के हिसाब से कितने किशोर ऐसे हैं जो कि एक जनवरी 2022 को 18 वर्ष की आयु का आंकड़ा छू सकते हैं। इन सभी का चिन्हीकरण करने के बाद उनके वोट बनाने का विशेष अभियान चलाया गया। नतीजतन एक माह में एक लाख 11 हजार 243 युवा मतदाता और जुड़ गए हैं।

प्रदेश में छह हजार पोलिंग बूथ ऐसे, जहां नहीं जा सकता वाहन
प्रदेश में छह हजार पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जहां कोई वाहन नहीं ला सकता। इन बूथों पर पोलिंग पार्टियों को पैदल ही पहुंचना होगा। 4700 बूथ ऐसे हैं, जहां सीधे वाहन जा सकता है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश में चुनाव आयोग के लिए मतदान कराना भी एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से पार पाने के लिए तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि प्रदेश में कुल 11 हजार 647 पोलिंग बूथ हैं। इनमें से करीब 4700 बूथ ऐसे हैं, जहां सड़क परिवहन यानी सीधे वाहन पहुंचने की सुविधा है। बाकी 5,947 बूथ ऐसे हैं, जिनके लिए पोलिंग पार्टियों को कच्चे रास्तों या पगडंडियों से गुजरना पड़ेगा। 135 बूथ ऐसे हैं, जहां पोलिंग पार्टियों को दो किलोमीटर से अधिक पैदल दूरी तय करनी होगी। 

फरवरी में चुनाव की संभावना के मद्देनजर चुनाव आयोग ने बर्फबारी वाले क्षेत्रों के लिए भी विशेष तैयारी की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या के मुताबिक, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी में अभी तक ऐसे कुछ बूथ चिन्ह्ति किए गए हैं। अभी जिलों से इसकी सूचना आ रही है। जो भी ऐसे बूथ होंगे, जहां बर्फबारी व्यवधान डाल सकता है, उसकी अन्य व्यवस्था भी की जाएगी।

1200 से अधिक वोटर तो और विस्तार होगा
वैसे तो निर्वाचन विभाग ने प्रदेशभर में 1200 मतदाताओं की संख्या के हिसाब से पोलिंग बूथों का निर्धारण किया है, जिसके बाद करीब 500 बूथ बढ़ाए गए हैं। लेकिन इसके बाद भी अगर किसी जगह पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर हुए तो इस हिसाब से उसका विस्तार किया जाएगा।

नैनीताल जिले में घट गए 42 हजार मतदाता

निर्वाचन विभाग की कसरत के बाद प्रदेश के 12 जिलों में मतदाता बढ़े हैं जबकि नैनीताल जिले में मतदाताओं की संख्या में 42 हजार की कमी आई है। यह आंकड़े बुधवार को जारी हुई लिस्ट से सामने आए। निर्वाचन विभाग के मुताबिक, नवंबर और जनवरी के बीच हुए मतदाता संख्या के बदलाव की जानकारी स्पष्ट हो रही है। नवंबर में नैनीताल जिले में कुल मतदाता 7 लाख 55 हजार 279 थे, जिनकी अब संख्या 7 लाख 12 हजार 912 हो गई है। यानी नैनीताल जिले में मतदाताओं की संख्या में 42 हजार 367 की कमी हुई है।

नवंबर के मुकाबले किस जिले में कितने वोटर बढ़े
जिला- बढ़े वोटर
उत्तरकाशी- 8050
चमोली- 5905
रुद्रप्रयाग- 4640
टिहरी गढ़वाल- 22,721
देहरादून- 73,426
हरिद्वार- 55,639
पौड़ी गढ़वाल- 13,832
पिथौरागढ़- 10,872
बागेश्वर- 3621
अल्मोड़ा- 7563
चंपावत- 5778
ऊधमसिंह नगर- 70,242

वोटर लिस्ट में ये हुए परिवर्तन
नवंबर से पांच जनवरी तक वोटर लिस्ट में कई परिवर्तन हुए। फॉर्म-6 यानी नए वोटरों के हिसाब से प्रदेशभर में 3,60,686 लोग वोटर लिस्ट में जुड़े। फॉर्म-7 यानी 62,764 वोटरों ने अपने नाम मतदाता सूची से डिलीट कराए। फॉर्म-8 यानी 85,552 मतदाताओं ने अपने वोटर लिस्ट में करेक्शन कराए। फॉर्म-8 यानी 4201 वोटरों ने एक ही विधानसभा के भीतर एक बूथ से दूसरे बूथ पर पता परिवर्तन कराया। आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए सभी विधानसभाओं में एक-एक असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर (एईओ) तैनात किए जाएंगे। उनके साथ वीडियो विजिलेंस टीम भी होगी। यह टीमें प्रत्याशियों के कार्यक्रमों में पहुंचकर उनकी बाकायदा वीडियोग्राफी भी करेगी।

कोविड के लिए लागू होंगे नियम
आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग की ओर से कोविड से बचाव के नियम भी लागू किए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि इसमें प्रत्याशियों के नामांकन से लेकर उनकी रैलियों, काफिलों पर भी सख्ती लागू होगी।

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