उत्तराखंड: भारी बारिश के कारण यमुनोत्री धाम की यात्रा तीसरे दिन भी रुकी

उत्तराखंड में बीते कई दिनों से हो रही बारिश के कारण पैदल मार्ग पर जोखिम बढ़ने से यमुनोत्री धाम की यात्रा आज तीसरे दिन भी रुकी है। विभिन्न राज्यों से आए तीर्थयात्री पिछले दो दिन से जगह-जगह सुरक्षित स्थानों पर फंसे हुए हैं। वहीं कई श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम की ओर रुख किया है। 

क्षेत्र में विगत दिनों भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा के लिए नासूर बना जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग भंडेलीगाड़ के पास भूस्खलन से अवरूद्ध हो गया था, जिसके चलते प्रशासन ने जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम की ओर श्रद्धालुओं को बीते शनिवार से जाने से रोका हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार देर शाम आवाजाही शुरू करने की बात कही है।

गत वर्ष भी दो सप्ताह से अधिक दिनों तक यमुनोत्री धाम की यात्रा रोकनी पड़ी थी। पैदल मार्ग पर सुरक्षित आवाजाही नहीं होने से बार-बार यात्रा स्थगित रहने से यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

करोड़ों खर्च फिर भी आवाजाही सुरक्षित नहीं

जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर करोड़ों खर्च के बाद भी सुरक्षित आवाजाही सपना बनकर रह गई है। पिछले एक दशक में यहां सुरक्षित आवाजाही के नाम पर पांच करोड़ खर्च किए जा चुके हैं जबकि इस यात्रा सीजन से पूर्व वैकल्पिक मार्ग के नाम पर 50 लाख खर्च किए गए। 

यमुनोत्री पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को पांच किमी लंबे जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग से होकर गुजरना होता है लेकिन मार्ग संकरा होने से लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। नौगांव ब्लाक प्रमुख सरोज पंवार, पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, मनमोहन उनियाल आदि ने कहा कि लंबे समय से भंडेलीगाड़ में समस्या बनी है लेकिन अभी तक इसका स्थाई समाधान नहीं होने से आए दिन यात्रा बाधित हो रही है। अजबीन पंवार ने कहा है कि भंडेलीगाड़ में वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर ढाई दशक पुराना पुल लगा कर इतिश्री की गई है जबकि विश्व बैंक पुराने पुलों को बदल कर दूसरे पुलों के लिए बजट दे रहा है।

यमुनोत्री धाम की यात्रा भंडेलीगाड में वैकल्पिक मार्ग क्षतिग्रस्त होने से रोकी गई है। संबंधित विभाग मार्ग तैयार कर रिपोर्ट देगा, जिसका परीक्षण करने के बाद ही यात्रा शुरू की जाएगी।
-शालिनी नेगी, एसडीएम, बड़कोट। 

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