बिहार में वैक्सीनेशन का खेल; जून के गलत आंकड़े जोड़े, ताकि टीकाकरण की रफ्तार ज्यादा दिखे

कोरोना से मौत के आंकड़ों पर पर्दा डालने वाली बिहार सरकार वैक्सीनेशन के आंकड़ों में बड़ा फर्जीवाड़ा कर रही है। सरकार ने जून के 17 दिनों में वैक्सीनेशन के 8.93 लाख फर्जी आंकड़े दर्ज कर दिए। ताकि बिहार वैक्सीनेशन की रफ्तार में देश के अन्य राज्यों से पीछे न छूट जाए।

फर्जी आंकड़े एक दिन नहीं, हर दिन जोड़े जा रहे हैं। 17 जून को जोड़े गए फर्जी आंकड़ों की संख्या बढ़कर तीन लाख से ऊपर चली गई। दैनिक भास्कर ने पड़ताल कर सरकार के इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया है।

पढ़ें,कैसे फर्जीवाड़ा कर रही है सरकार ..
सरकार की तरफ से हर दिन के वैक्सीनेशन का आंकड़ा जारी किया जाता है। हर दिन जानकारी दी जाती है कि एक दिन में कितना वैक्सीनेशन हुआ और साथ ही अब तक राज्य में कितने लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। जानकारी उम्र और डोज के आधार पर होती है। लेकिन खेल तो दो दिनों के बीच के आंकड़ों में होता है, जिसे पकड़ना मुश्किल है।

गणित का नियम कहता है कि एक दिन पहले के कुल वैक्सीनेशन में आज के वैक्सीनेशन का डेटा जोड़ दिया जाए तो अब तक के कुल वैक्सीनेशन का डेटा सामने आ जाएगा। लेकिन इस डेटा में हर दिन बड़ा खेल किया जा रहा है, जिससे दो दिनों के बीच के कुल आंकड़ों में बड़ा अंतर आ रहा है। 

17 दिन में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा
बिहार सरकार की तरफ से जारी वैक्सीनेशन के आंकड़े बता रहे हैं कि बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। जून के 17 दिनों में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुल 26,74,309 लोगों का टीकाकरण हुआ है, लेकिन इनमें हर दिन के अंतर को जोड़ दें तो 17 दिनों में कुल अंतर 8,93,017 हो जा रहा है। मतलब साफ है 8,93,017 आंकड़े फर्जी हैं। इसका हिसाब नहीं मिल रहा है।

24 घंटे में कहां से आया 3 लाख का आंकड़ा
17 जून को आंकड़ों में बड़ा अंतर सामने आया है। 24 घंटे में कुल 1,23,145 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। अब वैक्सीनेशन का कुल आंकड़ा जानने के लिए जब 1,23,145 में एक दिन पहले यानी 15 जून तक हुए कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 1,26,76,548 जोड़ा गया तो संख्या 1,31,08,594 आई, जो 3,08,901 अधिक है। 17 जून तक कुल वैक्सीनेशन 1,27,99,693 होना चाहिए था। जून का यह सबसे अधिक अंतर वाला आंकड़ा है।

एक्सपर्ट से कराई डेटा की पड़ताल
दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट से पड़ताल कराई तो आंकड़ों में काफी अंतर मिला। एक्सपर्ट ने बताया कि 24 घंटे वाले आंकड़े नहीं बढ़ रहे हैं। दो दिनों के बीच के आंकड़ों में अंतर हो रहा है। एक्सपर्ट ने ऐसे समझाया कि अगर 16 जून के आंकड़ों को 17 जून के आंकड़ों में घटा दें तो 17 जून को 24 घंटे में हुए आंकड़े सामने आ जाएंगे। लेकिन इनमें ऐसा नहीं हो रहा है। दो दिनों के आंकड़ों को घटाने पर संख्या वह आ रही है, जो बढ़ाई गई है। जब हमने 17 जून के कुल आंकड़ों में 16 जून के आंकड़ों को घटाया तो जो संख्या आ रही थी, वह काफी चौंकाने वाली थी।

भास्कर सवाल : कहां गए 89302 वैक्सीन के वायल
भास्कर का यह सवाल है कि जब 17 दिन में 8,93,017 लोगों को आंकड़ों में बढ़ाया गया तो इनके हिस्से की वैक्सीन वायल कहां गई? एक वायल में 10 लोगों की डोज होती है। ऐसे में जो बढ़ाई गई संख्या 8,93,017 है, जिसे 10 से डिवाइड करें तो जो संख्या आई वह वैक्सीनेशन वायल की है। यानी कुल वायल लगभग 89,302 होना चाहिए।

अफसर-मंत्री, कोई नहीं उठा रहा फोन
भास्कर ने जब वैक्सीनेशन के डेटा में फर्जीवाड़े को लेकर जिम्मेदारों से बात करनी चाही तो फोन नहीं उठा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ राज्य स्वास्थ्य समिति के ED को भी फोन लगाया गया।लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया गया। स्वास्थ्य मंत्री को मैसेज भी भेजा गया। लेकिन इसका भी कोई जवाब नहीं आया।

गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री और विभाग ने जारी किए थे अलग-अलग आंकड़े
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दावा किया कि 24 घंटे में 6.62 लाख वैक्सीनेशन कर वैक्सीन लगाने में बिहार बना देश का नंबर 1 राज्य। वहीं, विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 48 घंटे में बिहार में मात्र 4.76 लाख वैक्सीनेशन हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की बात करें तो 17 जून को कुल 1 लाख 23 हजार 145 लोगों का टीकाकरण हुआ है। इसमें प्रथम और द्वितीय खुराक के सभी वर्ग के लाभार्थी शामिल हैं।

वहीं, 16 जून को 3 लाख 53 हजार 606 लोगों का टीकाकरण हुआ। इसमें प्रथम और द्वितीय खुराक के साथ सभी वर्ग के लाभार्थी शामिल हैं। दोनों दिनों के 48 घंटे में कुल 4 लाख 76 हजार 751 लोगों का टीकाकरण हुआ है। ऐसे में मंत्री के दावे और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में 1 लाख 85 हजार 756 का अंतर आ रहा है।

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