वाराणसी: तमिलनाडु के सीएम ने किया महाकवि सुब्रह्मण्यम की प्रतिमा का अनावरण

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये तमिल के महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती की प्रतिमा का अनावरण किया। महाकवि की 141वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के सीएम ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तमिल समुदाय की मौजूदगी में आयोजित में हनुमान घाट स्थित महाकवि के प्रवास स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा।

रविवार को सुबह केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने महाकवि के परिजनों से मुलाकात की और श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद 10:45 बजे तमिलनाडु के सीएम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। उन्होंने महाकवि के संरक्षित प्रवास स्थल पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया।

तमिलनाडु सरकार ने 18 लाख में कराया नवीनीकरण

महाकवि की नतिनी जयंती ने बताया कि सीएम स्टालिन ने पिछले साल घोषणा की थी कि जिस घर में सुब्रह्मण्यम भारती रहते थे, वहां का नवीनीकरण किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 18 लाख रुपये की लागत से प्रवास स्थल के एक हिस्से का नवीनीकरण कराया गया था, जहां आज लाइब्रेरी स्थापित है। वहीं पर महाकवि की एक नई प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसका सीएम ने उनकी जयंती पर अनावरण किया।

महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती की जयंती को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संकायों में भारतीय भाषा उत्सव के रूप में मनाया गया। रविवार को शिक्षा शास्त्र विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं छात्र कल्याण संकाय, राजनीति विज्ञान विभाग, आधुनिक भारतीय भाषा विभाग एवं मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान में भारतीय भाषा उत्सव पर आयोजन हुए।  

केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान सारनाथ में भारतीय भाषा दिवस पर संगोष्ठी एवं काव्य पाठ का आयोजन किया गया। प्रो. धर्मदत्त चतुर्वेदी ने कहा कि भारत की समस्त भाषाओं की जननी संस्कृत है और हम सभी लोगों को कम से कम दो भाषाओं का ज्ञान आवश्यक है। तभी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना पूरी हो सकती है। 

विदेश मंत्री ने महाकवि सुब्रमण्यम भारती के परिजनों से की मुलाकात

केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को महाकवि सुब्रमण्यम भारती के भांजे केवी कृष्णन और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, महाकवि का जीवन, विचार और लेखन आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। हनुमान घाट पहुंचे विदेश मंत्री ने कहा कि यह घर एक ज्ञान केंद्र और पावन तीर्थ है। सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण पर सुब्रह्मण्यम भारती की रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं।

काशी में ही महाकवि भारती का परिचय अध्यात्म और राष्ट्रवाद से हुआ। विदेश मंत्री ने उनके भांजे केवी कृष्णनन को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित कर उनका कुशलक्षेम जाना। महाकवि के परिजनों में जयंती, हेमा, रवि और संतोष से मिलकर ख़ुशी जताई और उनका हाल जाना। कुछ देर तक आंगन में महाकवि के स्मृति चिह्न को भी देखा। इस दौरान मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा भी मौजूद रहे।

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