वरुण गांधी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में फिर दिया बयान

BJP सांसद वरुण गांधी (BJP MP Varun Gandhi) ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ आवाज उठाई है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने वीडियो के जरिए उन्होंने किसानों का समर्थन करते हुए बीजेपी को नसीहत दे डाली. उन्होंने गुरुवार को ट्विटर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) के 1980 के भाषण की एक छोटी क्लिप पोस्ट की जिसमें उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)  सरकार को किसानों का दमन करने के खिलाफ चेतावनी दी और उन्हें अपना समर्थन दिया.

गांधी ने ट्वीट किया, “बड़े दिल वाले नेता के बुद्धिमान शब्द …” मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ सहानुभूति रखने में बीजेपी सांसद मुखर रहे हैं और वाजपेयी के भाषण को साझा करना केंद्र सरकार को उनके संदेश के रूप में देखा जाता है. वीडियो क्लिप में वाजपेयी को एक सभा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सानों को डराया नहीं जा सकता.

वीडियो में अटल बिहारी वाजपेयी को कहते सुना गया, “अगर सरकार (किसानों) को दबाएगी, कानूनों का दुरुपयोग करेगी और शांतिपूर्ण आंदोलन का दमन करेगी, तो हम किसानों के संघर्ष में शामिल होने और उनके साथ खड़े होने से नहीं हिचकिचाएंगे.” BJP सांसद वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कथित रूप से बीजेपी नेताओं से जुड़े चार किसानों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्हें हाल ही में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया था, जिसे पीलीभीत के सांसद के साथ पार्टी नेतृत्व की नाखुशी के संकेत के रूप में देखा गया था.

13 अक्टूबर 1999 को वाजपेयी ने तीसरी बार संभाला था कार्यभार

13 अक्टूबर 1999 में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री चुने गए. दरअसल साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी और पहली बार वाजपेयी जी को प्रधानमंत्री बनाया गया था लेकिन इनकी सरकार 13 दिनों में ही संसद में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाने के चलते गिर गई.

इसके बाद दोबारा साल 1998 में चुनाव किए गए. इस चुनाव में भी BJP ने जीत हासिल की और एक बार फिर अटल बिहारी वाजपेयी को पीएम बनाया गया. हालांकि यह सरकार भी 13 महीने बाद जयललिता की पार्टी का साथ छोड़ जाने पर गिर गई. वहीं तीसरी बार एक बार फिर हुए चुनाव में BJP फिर सत्ता में आई और इस बार अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पीएम के कार्यभार को संभाला और कार्यकाल पूरा किया.

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