मुजफ्फरनगर में गुरु पूर्णिमा पर विद्यारंभ संस्कार: बच्चों को यज्ञोपवीत देकर उन्नयन संस्कार किया गया

मुजफ्फरनगर में गुरुपूर्णिमा के शुभ अवसर पर विद्या आरम्भ संस्कार के साथ अवकाश के बाद शिक्षण सत्र का शुभारम्भ किया गया। सोमवार को आई अकैडमी इंटरनेशनल स्कूल में स्थापित संस्कार शाला में 8 से 9 वर्ष के साल के छात्र-छात्राओं का विद्या आरम्भ संस्कार किया गया।

जिसमें सबसे पहले बच्चों को यज्ञोपवित देकर उनका उपनयन संस्कार किया गया। उसके उपरांत वैदिक मंत्रोच्चार से बच्चों को अंगवस्त्र देकर और उनका शिक्षकों द्वारा विद्या के लिए अंगीकृत करके उनके संस्कार को पूर्ण कराया गया। यज्ञ के ब्रह्मा और पुरोहित सुघोष आर्य ने सभी बच्चों को संस्कारो एवं विद्यार्थी के महत्त्व से अवगत कराया।

स्कूल में बच्चों को उपनयन संस्कार किया गया।

गुरु शिष्य परंपरा का बताया मतलब

उन्होंने बताया कि विद्यालय का भौतिक वातावरण छात्रों की प्रगति पर विशेष प्रभाव डालता है। छात्र एक समिधा कि भाति होता है। गुरु का दीपक उसे अग्नि में परिवर्तित कर देता है। इसलिए गुरुशिष्य परम्परा ही इस देश को विश्व की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने में सक्षम है।

यज्ञोपवीत संस्कार के बाद बच्चों को अंगवस्त्र देकर उनकी पढ़ाई शुरू कराई गई।

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष आहूति से यज्ञ को पूर्णता प्रदान की। इस अवसर पर संस्था कि प्रधनाचार्या सोनिका आर्य ने सभी छात्र-छात्राओ को अंगवस्त्र देकर उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया।

सभी संस्कारित विद्यार्थियों को मिष्ठान वितरित किया गया। पुरोहित सुघोष आर्य ने बच्चों को परिश्रम करते हुए अधिक से अधिक ज्ञानार्जन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान के बिना इस दुनिया में कुछ नहीं। लेकिन गुरु के बिना ज्ञान भी नहीं मिलता। इसलिए ज्ञानार्जन के लिए गुरु की महिमा को स्वीकारना होगा।

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