मुफ्त शिक्षा की लड़ाई के लिए जनता को तैयार कर रहे हैं: राजभर

जौनपुर: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को ‘‘सावधान यात्रा” के तहत जौनपुर जिले के जलालपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सोये हुए समाज को जगाने के लिए उन्होंने सावधान यात्रा निकाली है। उन्होंने कहा कि समाज को शिक्षित बनना होगा। महिलाओं को शिक्षा का अधिकार सावित्री बाई फुले ने दिया। बिखरा हुआ समाज कभी भी बादशाह नहीं बन सकता, लेकिन आपस में लड़कर दूसरों को बादशाह जरूर बना देता है।      

राजभर ने कहा कि मुफ्त बिजली, गरीबों का मुफ्त इलाज, एक समान नि:शुल्क शिक्षा के लिए कानून बनाने के लिए वह दिल्ली तक लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भर और राजभर बिरादरी को एसटी में शामिल करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माध्यम से दिल्ली सरकार को भेज दिया गया है। अब इसके लिए हर जिले से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट दिल्ली पहुंचते ही वह दिल्ली जाएंगे और इसे लागू कराने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलेंगे।       

मुख्यमंत्री दिल्ली प्रस्ताव भेजने के लिए तैयार हो गए
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दे दिया है कि भर, राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर दिया जाए। मुख्यमंत्री से सारे सबूत के साथ मिला। मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव ने सीएम के सामने पूरी फाइल देखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़ाई सही है। मुख्यमंत्री दिल्ली प्रस्ताव भेजने के लिए तैयार हो गए। मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को प्रस्ताव भेजने का आदेश दे दिया। मुख्यमंत्री जी नें सभी मंडल व जिले के सांख्यिकी अधिकारियों को आदेश दे दिया है इसके लिए सीएम को धन्यवाद है।        

गरीबों के घरेलू बिजली का बिल भी माफ किया जाना चाहिए…
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सरकारें अमीर उद्योगपतियों के एक लाख करोड़ से अधिक का कर्जा माफ कर सकती है तो गरीबों के घरेलू बिजली का बिल भी माफ किया जाना चाहिए। उनकी पार्टी मुफ्त बिजली, निशुल्क व एक समान शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, निजी और सरकारी सभी हास्पिटलों में सरकार के खर्चे पर गरीबों व आम आदमी के इलाज की लड़ाई लड़ रही है। इन मुद्दों पर जनता को जोड़ने के लिए वह पूरे प्रदेश में रैलियां कर रहे हैं।

जनता के लिए उनकी लड़ाई निरंतर जारी रहेगी: राजभर
सुभापा अध्यक्ष ने कहा कि वह देश व प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके इस आंदोलन व मुहिम से सरकारें दबाव में हैं। जनता इस मुद्दे पर जितनी जल्दी मुखर होगी उतनी जल्दी इसे कराने में सफलता मिल जाएगी। जातीय जनगणना के माध्यम से समाज के दबे, कुचले, अति पिछड़ों, दलितों और गरीबों को उनका हक दिलाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता के लिए उनकी लड़ाई निरंतर जारी रहेगी। गरीबों की आवाज उनके माध्यम से राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री तक पहुंच रही है। प्रधानमंत्री भी महाराजा सुहेलदेव राजभर की बात करते हैं।       

हर 10 साल में जातीय जनगणना का संविधान में व्यवस्था: राजभर
उन्होंने कहा कि यह सावधान यात्रा गरीबों, वंचितों, दलितों, अति पिछड़ों को जगाने के लिए शुरू की गई है। हर रैली में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है। यह हुजूम सरकारों को यह संदेश दे रहा है कि प्रदेश का यह वर्ग अपने हक के लिए जागरूक हो चुका है। जातीय जनगणना कराने का दबाव सरकारों पर बन रहा है। जबतक जातियों की गिनती नहीं होगी तब तक उस जाति को उसका हक नहीं मिलेगा। 1931 में जातीय जनगणना हुई थी। यह व्यवस्था संविधान में है कि हर 10 साल में जातीय जनगणना होगी, लेकिन नहीं कराई जा रही है। जब तक जातीय जनगणना नहीं हो जाएगी तब तक ओम प्रकाश राजभर ऐसे ही बाजा बजाते रहेंगे। इस मुद्दे पर बड़े बड़े पहलवानों को जमीन में दफनाने का काम सुभासपा करेगी। यह लड़ाई समाधान के लिए है।

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