अगले पांच वर्षो में चमक जायेगा पचिमी उत्तर प्रदेश,755 करोड़ की सौगात:गडकरी

वर्ष-2016 में नोएडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। इसे चार चरणों में बनाया गया है। डासना से मेरठ तक 32 किमी के एक्सप्रेसवे का निर्माण तीन वर्ष पहले शुरू हुआ। हालांकि, अप्रैल-2021 में इसे वाहनों के लिए खोल दिया गया ।

25 दिसंबर से एक्सप्रेसवे पर टोल भी शुरू कर दिया जाएगा। आज केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से चलकर मेरठ पहुंचे। वहीं, आज सुभारती विश्वविद्यालय में नितिन गडकरी ने एक्सप्रेसवे के दूसरे और चौथे चरण का लोकार्पण किया। उनके साथ केंद्रीय परिवहन राज्य मंत्री और गाजियाबाद से सांसद वीके सिंह, उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहे।

नितिन गडकरी बोले- किसान अब अन्नदाता नहीं, उर्जादाता होगा
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंच से जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पहले पुराने रास्ते से मेरठ आया। इस बार नए रास्ते से आया हूं। यह वीरों की भूमि है। इस ऐतिहासिक भूमि को दिल्ली से जोड़ने पर यहां का विकास होगा। हम चौधरी चरण सिंह जी को भी आज याद कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि हमारी सरकार ने निर्णय लिया कि किसान अन्नदाता नही, उर्जादाता होगा। एथेनॉल के कारण किसानों को राहत मिली है। कल ही फाइल पर हस्ताक्षर हुए हैं। पेट्रोल पर चलने वाले वाहन अब बायो एथेनॉल पर चलेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए हम सड़क बनवा रहे हैं। 

10 हजार 265 करोड़ में बना दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे
पहले दिल्ली जाने में चार घंटे लगते थे। अब 40 मिनट लगते हैं। हमने इसे 14-लेन बनाया। वहीं, दिल्ली से देहरादून दो घंटे लगेंगे। दिल्ली से कटरा छह घंटे और  दिल्ली से श्रीनगर आठ घंटे लगेंगे। मेरठ का एक युवा मेरे पास आया, उसने कहा कि में मेरठ में बंगला बना रहा हूं। मैं जर्मनी में रहा लेकिन अब दिल्ली में काम करूंगा। यह सुनकर मुझे अच्छा लगा।

काली नदी का किया जिक्र
कहा कि जब मैंने ‘नमामि गंगे’ का मंत्री था, तब मैंने 26 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर कराया था। मैंने 682 करोड़ रुपये काली नदी को दिए थे। हालांकि, अब क्या चल रहा है ये अभी पता नही। 

उत्तर प्रदेश को चमका कर रहूंगा
एक लाख करोड़ का काम डीपीआर स्टेज पर है। चार लाख करोड़ के काम कर रहे हैं। आने वाले पांच वर्षों में पांच लाख करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश को दूंगा। 1700 किमी के 42 हजार करोड़ के काम पश्चिमी यूपी को पूरे कर दिए।

इसके अलावा देश के पहले ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग सिस्टम का लोकार्पण भी किया गया। इसे काशी टोल प्लाजा पर लगाया गया है। वहीं, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर लगे इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का लोकार्पण भी किया जाएगा। यह तकनीक देश में पहली बार एक्सप्रेसवे पर उपयोग की जा रही है।

ये है दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
कुल लागत – लगभग नौ हजार करोड़ रुपये
पहला चरण – सराय काले खां से यूपी गेट
कुल किमी – आठ किमी
दूसरा चरण – यूपी गेट से डासना
कुल किमी – 20
तीसरा चरण – डासना से हापुड
कुल किमी – 22
चौथा चरण – डासना से मेरठ
कुल किमी – 32

मंत्री नितिन गडकरी के साथ एक्सप्रेस वे पर सफर के लिए रवाना होते प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य केंद्रीय परिवहन और नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह वही मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल

देश के पहले 14 लेन एक्सप्रेस वे का आज लोकार्पण किया जाएगा। सराय काले खां से मेरठ तक केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य केंद्रीय परिवहन और नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल एक साथ सफर कर सड़क मार्ग से मेरठ पहुंचे। दिल्ली से चलने पर चारों नेताओं ने अपनी फोटो को ट्विटर पर शेयर किया । 

मेरठ में प्रशासन और एनएचआई की ओर से तैयारियों को पूरा किया जा रहा है। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने नोएडा में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। इसे चार चरणों में बनाया गया है।

पहले और तीसरे चरण का लोकार्पण किया जा चुका है। अब दूसरे और चौथे चरण का लोकार्पण केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। सबसे पहले वह काशी टोल प्लाजा पर पहुंचे। यहां ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग सिस्टम का लोकार्पण किया गया। 

यह सिस्टम देश का पहला ऐसा तकनीकी सिस्टम है। जिससे वाहनों की स्पीड और उनके नंबर को 2:30 सेकेंड के अंदर पढ़ लिया जाता है। इसके बाद सुभारती में होने वाली सभा में केंद्रीय परिवहन मंत्री लगभग दो हजार करोड़ की सौगात मेरठ और मुजफ्फरनगर को देने पहुंचे हैं।
ये है दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की खासियत
-सराय काले खां से डासना तक 14 लेन जबकि डासना से मेरठ तक छह लेन है।
-दिल्ली से मेरठ पहले तीन घंटे लगते थे अब मात्र 45 मिनट।
-डासना से मेरठ के बीच ग्रीन एक्सप्रेस- वे बनाया जा रहा है। 50 हजार पेड़ लगाए गए हैं।
-8-10 किमी की दूरी पर एक्सप्रेसवे की हर लेन के ऊपर डिस्पले लगाई गई है। वहीं, स्पीडोमीटर भी लगे हैं। जिस पर सेंसर वाहनों की स्पीड बताते हैं।
-भारी वाहनों की अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा और कार की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा।
-डासना से मेरठ तक एक्सप्रेसवे में 72 कैमरे लगाए गए हैं।

पश्चिम को परिवहन पथ पर रफ्तार
विधानसभा चुनावों से पहले पश्चिम क्षेत्र को केंद्रीय परिवहन मंत्री लगभग दो हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की सौगात देंगे। इसके लिए वह पहले मेरठ और फिर मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे। इन प्रोजेक्ट में एनएच-119 पर नजीबाबाद शहर के लिए 10.50 किमी लंबे फोर लेन नजीबाबाद बाईपास के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास होगा। इसकी कुल लागत 568 करोड़ है। वहीं, मेरठ-मुजफ्फरनगर एनएच-58 के अतिरिक्त कार्य, शामली में आठ किलोमीटर के रिंग रोड और पुरकाजी-लक्सर-हरिद्वार 15 किलोमीटर हाईवे का भी लोकार्पण/ शिलान्यास होगा।

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