आज रामनवमी पर कथित सेक्यूलरवादियों के असली चेहरे सामने आ गये हैं। तेलंगाना से भाजपा के उम्मीदवार राजा सिंह द्वारा निकाली जाने वाली श्रीराम की शोभायात्रा रोक दी गई। दूसरी और पुराने हैदराबाद से चुनाव लड़ रहे असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपनी नीति और आदत के मुताबिक मुसलमानों को भड़काया। मुख्तार अंसारी का नाम लिए बिना कहा- ‘मुझे जेल में डालेंगे। जहर देकर मारेंगे। अदालत ले जाते समय गोली मारेंगे पर मैं मरने वाला नहीं। सिर पर गोल टोपियां लगाओ और निकल पड़ो!’ यह वही अकबरुद्दीन है जिसने कहा था- पन्द्रह मिनट के लिए पुलिस हटा लो, 100 करोड़ को 20 करोड़ मजा चखा देंगे। हमारी सेक्यूलर और ‘निष्पक्ष’ अदालत ने उसे यह कह कर छोड़ दिया कि साबित नहीं हुआ कि उसने कोई भड़काऊ बात कही है। न कानून का डर, न देशहित का ख्याल, तभी दोनों ओवैसियों के हौसले बुलन्द हैं।
पिछली रामनवमी पर पश्चिमी बंगाल में क्या हुआ था, लोग भूले नहीं हैं। शोभा यात्राओं पर मस्जिदों व मुस्लिम मौहल्लों से हुए पथराव के वीडियो लोगों के ज़हन में अब भी हैं लेकिन ममता ने तब रामभक्तों पर ही हिंसा करने का ठीकरा फोड़ा था।
समाजवादी पार्टी ओवैसी बंधुवों व ममता बनर्जी से कैसे पीछे रह सकती है ? मुलायम सिंह यादव परिवार के वरिष्ठ सदस्य रामगोपाल यादव ने आज रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में रामलला के विग्रह पर सूर्य तिलक करने को भाजपा का पाखंड बताया है। वे खुद को श्रीकृष्ण का वंशज होने का दावा करते हैं और भगवान राम के सूर्य तिलक को ढोंग बताते हैं। यादव कुल के होते हुए भी इन्हें पता नहीं कि सदियों पुराने कोकार्ण के सूर्य मन्दिर में भगवान की प्रतिमा पर हजारों वर्षों से सूर्य तिलक होता आया है। इनकी दृष्टि में यह सब पाखंड है। यह वोट बैंक साधने का प्रपंच नहीं तो और क्या है ?
ये सब वे ही लोग है जो हिन्दुओं के आराध्यों, हिन्दू आस्था और हिन्दू पर्वों का नाम लेकर मुस्लिमों में भय एवं अविश्वास का संचार कर हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का खोखला नारा लगाते हैं। हमारा विश्वास है कि मुस्लिम समाज इनके पाखंड और राजनीतिक कुचक्र को एक दिन पूरी तरह से समझ सकेगा।
गोविन्द वर्मा