कवि कुमार विश्वास ने जो कहा था वह पंजाब में साबित होने लगा!

क्या आपको याद है कथित किसान आन्दोलन के दौरान सिक्खों के लिये भारत से अलग पृथक नये देश खालिस्तान की स्थापना की मांग उठाने वाले सिख फार जस्टिस नामक प्रतिबंधित आतंकी संगठन के संयोजक गुरपतवंत सिंह पन्नू के इशारे पर लालकिले पर हिंसा हुई थी और राष्ट्रध्वज का अपमान हुआ था?

क्या आपको याद है कि पंजाब के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिल कर उन्हें आगाह किया था कि आन्दोलन में अराजक तत्व शामिल हो चुके हैं?

क्या आपको जी टी.वी. चैनल का वह वीडियो याद है जिसमें एक आन्दोलनकारी कह रहा है हमने इन्दिरा को खत्म कर दिया, मोदी को भी कर देंगे?

इसी चैनल द्वारा खालिस्तानी चिन्ह लगे पोस्टर वाली ट्रैक्टर ट्रॉली का सीन याद है?

क्या अरविन्द केजरीवाल का यह कहना याद है कि हां मैं मीठा टेरीरिस्ट हूं?

क्या कभी उनके साथ आम आदमी पार्टी की स्थापना में हिस्सेदार रहे कवि कुमार विश्वास का केजरीवाल को दिया वह खुला चेलैंज याद है कि पंजाब विधानसभा के चुनाव में खालिस्तान समर्थकों का साथ नहीं ले रहे हो तो एक बार खालिस्तान मुर्दाबाद कह दो?

क्या पंजाब की बम्पर जीत के बाद एक बार भी केजरीवाल ने सिख फार जस्टिस और पन्नू के इरादों की निन्दा की?

क्या 29 अप्रैल को खालिस्तान के कथित स्थापना दिवस को मनाने व डी.सी. कार्यालयों पर खालिस्तानी झंडा लहराने की पन्नू की अपील को कंडम करने का सन्देश केजरीवाल और भगवन्त मान ने दिया था?

क्या केजरीवाल और भगवन्त मान ने सोशल मीडिया पर वायरल वह वीडियो नहीं देखा होगा जिसमें पन्नू समर्थक पटियाला में तलवारें लेकर डी.एस.पी. मोहित अग्रवाल को दौड़ा रहे हैं?

मां काली के मन्दिर में घुसकर हमला करने वालों के दर्जनों वीडियो सामने आ चुके हैं लेकिन पुलिस ने खालिस्तान विरोधी मार्च निकालने वाले हरीश सिंगला को तो गिरफ्तार किया, किसी हमलावर को क्यों नहीं किया? जबकि एस.एच.ओ. कर्मवीर सिंह तथा अन्य भी घायल हुए थे?

पटियाला में पन्नू के समर्थकों ने खालिस्तान का विरोध मार्च निकालने वालों और पुलिस पर तथा मां काली मन्दिर पर हमला करने वालों पर काबू पाने वाले एस.एस.पी. डॉ. नानक सिंह व आई.जी. राकेश अग्रवाल को शाबासी देने के बजाय उन्हें दंडित करने के उद्देश्य से उनका तबादला क्यों हुआ?

अपने प्रचार में दो-दो बार प्रेस कांफ्रेंस करने वाले केजरीवाल इतने संगीन घटनाक्रम पर मुंह बन्द करे बैठे हैं, शायद भाजपा और मोदी को बदनाम करने की कोई नयी कहानी गढ़ने में व्यस्त हैं। मुफ्तखोरी व जुमलेबाजी से दिल्ली को चौपट कर वे पंजाब की फिजा को खराब करना चाहते हैं किन्तु पंजाब के राष्ट्रभक्त सिख और हिन्दू भाई पन्नू के मंसूबों को नाकाम कर देंगे। मीठे टेरीरिस्ट को निश्चित रूप से मुंह की खानी पड़ेगी।

गोविन्द वर्मा
संपादक देहात
www.dainikdehat.com

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