‘अब राजनीति में सिद्धांतों की जगह कहां है। अब तो जाति धर्म की राजनीति हो गई है। दल भी इसी पर अपना एजेंडा सेट करते हैं। इसी को चुनावी हथियार बनाते हैं। इस चुनाव में भी इसी तरह की गोटियां बिछ रही हैं।’ यह कहना है दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके राजा चंद्र विजय सिंह उर्फ बेबी राजा का।
चंद्र विजय सिंह वर्ष 1989 में कुंदरकी विधानसभा से जनता दल से चुनाव जीते। 1993 में यहीं से भाजपा से चुनाव लड़े और जीते। वर्ष 1999 में भाजपा के समर्थन से लोकतांत्रिक कांग्रेस से मुरादाबाद लोकसभा का चुनाव जीते। बेबी राजा कहते हैं, यूपी में जनता बेहद गंभीरता से आकलन कर रही है। हालांकि चुनाव का ट्रेंड अब बदल गया है। हमारे दौर में परिवारवाद, पैसा, ठेकेदार नहीं थे। यह तो मानना पड़ेगा कि योगी राज में इस तरह के ठेकेदार समाप्त हुए हैं। टिकट को अपनी बपौती समझने वाले भी अब कम हैं।
सच बता दूं तो जनता हमेशा ही परिवारवाद से क्षुब्ध रहती है। इस समय भी है। हालांकि अब भाजपा भी बदल गई है। उसके सिद्धांत भी थोड़ा अलग राह पर हैं। गठबंधन इस बार जरूर रालोद और सपा का हुआ है, पर देखा जाए तो इससे तगड़े गठबंधन पहले भी हो चुके हैं। परिणाम क्या रहे, सबको पता है। हालांकि, मुस्लिम तो इस बार गठबंधन की ओर पूरी तरह से जा ही रहे हैं।
एक फर्क और भी है। भाजपा को भी जुमलों से बचना होगा। अटल बिहारी वाजपेयी के समय में फील गुड का क्या हश्र हुआ था, सभी ने देख लिया। चाहे अखिलेश हों, मायावती हों या फिर योगी, सभी को विकास पर ध्यान देना चाहिए। चुनाव की वास्तविक परिकल्पना को साकार करना चाहिए।