कश्मीर में तीनों लोकसभा सीटों पर लड़ेंगे चुनाव: महबूबा मुफ्ती

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जम्मू कश्मीर की सियासत में हर रोज नई लहरें उठ रही हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी कश्मीर की तीनों सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इसके लिए मंथन चल रहा है। एक से दो दिन में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जाएगी। जम्मू संभाग की दो सीटों को लेकर महबूबा ने कहा कि इस पर उन्होंने कुछ नहीं सोचा है। पीडीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। ऐसे में अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने के लिए वे मजबूर हैं।

उमर और फारूक बोले- इंडिया गठबंधन एकजुट

उधर, उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को यह जानकारी दी है कि स्वस्थ्य के चलते इस बार फारूक अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे। इससे पहले मंगलवार को उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीडीपी अपना कोई प्रत्याशी लोकसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतारेगी। जम्मू में फारूक अब्दुल्ला ने भी इस बात पर जोर दिया कि इंडिया गठबंधन एकजुट है और उनके बीच कोई मतभेद नहीं है।


नेकां-पीडीपी में नहीं दिख रहा तालमेल

ऐसे में दोनों पार्टियों की जनता के बीच आ रही अलग-अलग बयानबाजी से साफ पता चल रहा है कि अंदर खाते में सब ठीक नहीं है। कश्मीर घाटी में इंडिया गठबंधन अभी भी परिपक्व नहीं हो पाया है। उसमें दरारें साफ दिख रही हैं, जो समय रहते नहीं भरी गई, तो घाटी में गठबंधन बिखर भी सकता है। हालांकि, पीडीपी और नेकां अलग-अलग मंचों से यह कह चुके हैं कि वे इंडिया गठबंधन के साथ हैं और गठबंधन मजबूत है।

दरअसल, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस देश स्तर पर विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा हैं और प्रदेश स्तर पर पीएजीडी में साथ हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) पहले ही एलान कर चुकी है कि जम्मू कश्मीर की पांच सीटों में से तीन पर उम्मीदवार उतारेगी, जो कश्मीर घाटी में आती हैं। इनमें अनंतनाग-राजोरी, श्रीनगर, बारामुला सीट शामिल है।

नेकां ने जम्मू संभाग की दो लोकसभा सीटों को कांग्रेस को समर्थन दिया है। कांग्रेस ने जम्मू में रमण भल्ला और उधमपुर में चौधरी लाल सिंह को मैदान में उतारा है। मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला रमण भल्ला के नामांकन के दौरान जम्मू पहुंचे थे। सोमवार को उमर अब्दुल्ला ने अनंतनाग-राजोरी सीट से अपने पहले उम्मीदवार मियां अल्ताफ के नाम की घोषणा कर दी है।

नेकां के तीनों सीटों पर लड़ने पर पीडीपी का क्या है रुख

पीडीपी का कहना है कि नेकां ने सीट बंटवारे के लिए उनसे चर्चा नहीं की गई। पार्टी के एक नेता ने कहा कि महबूबा मुफ्ती से चर्चा की गई होती, तो वे इन सीटों को छोड़ सकती थीं। उधर, महबूबा मुफ्ती ने खुद भी कह चुकी हैं कि वह अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर लोकसभा चुनाव पर रणनीति को फाइनल करेंगीं। लिहाजा, बुधवार को उन्होंने साफ कर दिया है कि कश्मीर की तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए मंथन चल रहा है और नामों की घोषणा एक से दो दिन में की जाएगी।

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