विमेंस प्रीमियर लीग का पहला सीजन सफल रहा था। उम्मीद से ज्यादा दर्शक इस लीग के मुकाबले देखने के लिए मैदान में पहुंचे थे और टीवी पर भी बड़ी संख्या में दर्शकों ने मैच देखे थे। अब इस लीग के दूसरे सीजन की तैयारी शुरू हो गई है। शनिवार (नौ दिसंबर) को दूसरे सीजन के लिए मिनी ऑक्शन होना है। इस ऑक्शन में कुल 30 खिलाड़ियों पर बोली लग सकती है। इसमें नौ विदेशी और 21 भारतीय खिलाड़ी हो सकती हैं। इस दौरान भारत की कई युवा खिलाड़ियों पर बड़ी बोली लग सकती है। यहां हम पांच भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जो नीलामी में मालामाल हो सकती हैं।
वृंदा दिनेश, शीर्ष क्रम बल्लेबाज
वृंदा दिनेश ने पिछले दो सीजन में कर्नाटक के लिए शानदार बल्लेबाजी की है। वह बड़े शॉट लगाने में माहिर हैं और लगातार बड़ी पारियां खेलने में भी सक्षम हैं। 22 साल की यह बल्लेबाज टीम इंडिया में शामिल होने के बेहद करीब है। हाल ही में इंग्लैंड ए के खिलाफ तीन मैच की सीरीज में वह भारत ए महिला टीम का हिस्सा थीं। वह पहली बार हांगकांग में एसीसी इमर्जिंग टीम्स कप में चर्चा में आई थीं। भारत ने यह खिताब जीता था और वृंदा इस टीम का हिस्सा थीं। वह शुरुआती टीम में नहीं थीं, लेकिन ज गेंदबाज एस यशाश्री के चोटिल होने के बाद वह टीम में शामिल हुईं।
फाइनल में उन्होंने 29 गेंदों में 36 रन बनाकर प्रभावित किया। इस मैच में टीम इंडिया सात विकेट खोकर 127 रन ही बना पाई थी। इसके बावजूद भारत यह मैच जीतने में सफल रहा था, क्योंकि बांग्लादेश की धीमी पिच पर बल्लेबाजी आसान नहीं थी। वृंदा को उस गेम में शामिल होने का मौका केवल इसलिए मिला क्योंकि मुस्कान मलिक की किट समय पर नहीं पहुंची थी।
मेग लैनिंग को अपना आदर्श मानने वाली वृंदा ने ऑफ-सीजन के दौरान सभी पांच डब्ल्यूपीएल फ्रेंचाइजी की टेस्ट में भाग लिया है। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने सीनियर महिला वनडे प्रतियोगिता में कर्नाटक के लिए लाजवाब प्रदर्शन किया। वह 11 पारियों में 47.70 की औसत से 477 रन बनाकर जसिया अख्तर और प्रिया पुनिया के बाद तीसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी रहीं। इस दौरान उन्होंने राजस्थान के खिलाफ सेमीफाइनल में 81 रन की शानदार पारी भी खेली।
उमा छेत्री, विकेटकीपर
पावरप्ले में आक्रामक बल्लेबाजी के जरिए अपनी अलग पहचान बनाने वाली उमा पर भी टीमें बड़ा दांव लगा सकती हैं। वह बेहतरीन विकेटकीपर होने के साथ विस्फोटक बल्लेबाज भी हैं। वृंदा की तरह, छेत्री ने भी हांगकांग में इमर्जिंग टूर्नामेंट के फाइनल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस साल की शुरुआत में, छेत्री भारतीय टीम (बांग्लादेश दौरे के लिए) में शामिल होने वाली असम की पहली खिलाड़ी थीं। सितंबर में, वह भारत की एशियाई खेलों की टीम का भी हिस्सा थीं, जिसने श्रीलंका को हराकर हांगझू में स्वर्ण पदक जीता था। ऋचा घोष और यास्तिका भाटिया जैसी खिलाड़ियों के चलते उमा को टीम इंडिया में जगह बनाने में मुश्किल आ सकती है, लेकिन महिला प्रीमियर लीग में उन पर बड़ा दांव लग सकता है।
काशवी गौतम, दाएं हाथ की तेज गेंदबाज
काशवी दाएं हाथ की तेज गेंदबाज हैं और बड़े शॉट लगाने में भी सक्षम हैं। उन्होंने 2020 में महिलाओं की घरेलू अंडर-19 प्रतियोगिता में चंडीगढ़ के लिए अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ वनडे मैच में हैट्रिक सहित दस विकेट लिए। इसके साथ ही उन्होंने खास कीर्तिमान अपने नाम किया था। इसी वजह से वह सभी फ्रेंचाइजी की नजरों में बनी हुई हैं। लंबी कद काठी के कारण उन्हें पिच से अच्छा उछाल मिलता है और यही उनकी सबसे बड़ी मजबूती है। पिछले साल वह विमेंस प्रीमियर लीग की नीलामी में नहीं बिकी थीं, लेकिन उन्हें अपनी गति बढ़ाने की सलाही दी गई थी। वह इस पर काम भी कर रही हैं। घरेलू क्रिकेट में काशवी ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी में उन्होंने सात मैचों में 4.14 की इकॉनमी के साथ 12 विकेट लिए थे। वह हांगकांग में एसीसी इमर्जिंग टूर्नामेंट जीतने वाली भारतीय की अंडर-23 टीम का हिस्सा थीं। हाल ही में वह ए सीरीज के दौरान दो मैचों का हिस्सा थीं, जिसमें उन्होंने भारत ए के लिए तीन विकेट लिए थे।
मन्नत कश्यप, बाएं हाथ की स्पिनर
मन्नत कश्यप पिछले साल दक्षिण अफ्रीका अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बहुत दूर खड़ी बल्लेबाज को रन आउट करके सुर्खियों में आई थीं। हालांकि, वह चतुर और चालाक होने के साथ ही बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी हैं। वह गेंद को अच्छी तरह फ्लाइट देती हैं और क्रीज का इस्तेमाल कर अलग-अलग एंगल से गेंद करती हैं। इससे बल्लेबाज को उन्हें खेलने में परेशानी आती है। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय टी20 टीम में जगह बनाने वाली मन्नत फरवरी में भारत की महिला अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने अपने पहले ही मैच में स्कॉटलैंड के खिलाफ चार विकेट लेकर प्रभाव छोड़ा था। कुल मिलाकर छह मैचों में उन्होंने नौ विकेट लिए थे और पार्श्वी चोपड़ा के बाद भारत के लिए दूसरी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज थीं। उन्होंने एसीसी इमर्जिंग फाइनल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और भारत के 127 रनों का बचाव करते हुए 20 रन देकर तीन विकेट लिए थे।
गौतमी नाइक, ऑलराउंडर
एक गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में शुरुआत करने वाली गौतमी अब अपनी बल्लेबाजी से सुर्खियां बटोर रही हैं। बड़ौदा के लिए यास्तिका भाटिया के साथ उन्होंने कई मजबूत साझेदारियां की हैं। वह ऐसी खिलाड़ी हैं, जो किसी भी क्रम पर खेल सकती है और टीम की जरूरत के हिसाब से तेजी से रन बनाने और संभलकर खेलने में सक्षम है। इसके साथ ही वह उपयोगी ऑफ स्पिन गेंदबाज भी हैं। उनकी यह खासियत उन्हें टी20 के लिए बेहद उपयोगी खिलाड़ी बनाती है। हाल ही में समाप्त हुई सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी में उन्होंने 132.66 के स्ट्राइक रेट से पांच पारियों में 264 रन बनाए। वह टूर्नामेंट में पांचवीं सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी थीं। बड़ौदा जाने से पहले नाइक ने घरेलू क्रिकेट में नागालैंड के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया था।