हरियाणा में बन रही है दुनिया की सबसे बड़ी बरगद और पीपल के पेड़ों की नर्सरी

हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram) में दुनिया की सबसे बड़ी पीपल और बरगद के पौधों की नर्सरी ((Peepal and Banyan Largest Nursery) की नींव रखी गई. गिव मी ट्रीज ट्रस्ट के तत्वावधान में चलाए गए पौधरोपण के कार्यक्रम में सीआरपीएफ (CRPF) की 31वीं बटालियन ने भागीदारी निभाई. हरियाली क्रांति अभियान के तहत 20 लाख पेड़ों की नर्सरी बनाने का प्लान है.

गुरुग्राम के सेक्टर—80 स्थित लेक लैंड में गिव मी ट्रीज ट्रस्ट नर्सरी बन रही है. यहां पानी की उचित व्यवस्था है. जमीन के प्रबंधकीय निदेशक अश्विनी खुराना ने इस जमीन को 10 साल तक के लिए हरियाली क्रांति मुहिम को दे दिया है. अभियान में स्कूल, कॉलेज, सेना और खिलाड़ी समेत सबकी भागीदारी की योजना बनी है. उत्तर भारत में हरियाली क्रांति के लिए नर्सरी के ये पौधे उपयोग में लाए जाएंगे. दरअसल हरियाणा का राजकीय वृक्ष पीपल और देश का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है. जिसके बाद आने वाले समय में यह नर्सरी राजकीय और राष्ट्रीय वृक्षों की संख्या बढ़ाने का एक अहम केंद्र बनेगा.

20 लाख पेड़ों की नर्सरी बनाने का है प्लान

बताया जा रहा है कि नर्सरी नौ एकड़ क्षेत्रफल में बनेगी, जो तीन साल के कार्यक्रम का हिस्सा है. पहले चरण में दो एकड़ की जमीन चिन्हित की गई है. अगले साल और 2 एकड़ जमीन ली जाएगी. तीसरे वर्ष में पांच एकड़ भूमि पर इसका विस्तार किया जाएगा. लेक लैंड में 20 लाख पेड़ों की नर्सरी बनाने का प्लान है, जो पीपल और बरगद की दुनिया की सबसे बड़ी नर्सरी होगी. सुरक्षा बल के जवान हर महीने इस नर्सरी की देखभाल में योगदान देंगे.

पौधारोपण सेंटर पर जवानों ने खोदे तालाब

सीआरपीएफ के जवानों का कहना है कि वे इस मुहिम के साथ जुड़कर काम करेंगें. जवानों ने सोरखा, मैंचा और बाबा नीम करोली में भी कई पौधे लगाए हैं. यही नहीं इन जवानों की पौधारोपण केन्द्रों पर तालाब खोदने में भी अहम भूमिका रही है. इस मुहिम की शुरुआत पीपल बाबा ने हरियाणा से की है. पीपल बाबा ने कहा कि जहां भी उनकी टीम को मौका मिलेगा, वे हरियाली बढ़ाने में योगदान करेंगे.

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