धोखाधड़ी, जबरन वसूली और धन शोधन के मामलों में आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दरअसल, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिख कहा है कि रोहिणी जेल के उन 82 पुलिसकर्मियों, जो सुकेश की मदद करने को लेकर शक के दायरे में हैं उनकी जांच कराने की जरूरत है।
बता दें कि इससे पहले सुकेश को मदद पहुंचाने के आरोप में पहले ही सात पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। तिहाड़ प्रशासन को लिखे पत्र में कहा गया है कि सुकेश रोहिणी की जिस जेल नंबर 10 में वार्ड नंबर तीन के बैरक नंबर 204 में बंद था, उसकी जांच में अब ईओडब्ल्यू 82 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच करवाना चाहती है।
ये है मामला
सुकेश चंद्रशेखर ने तिहाड़ जेल से रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह से दो सौ करोड़ की ठगी की थी। आरोपी ने वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जेल में बंद शिविंदर सिंह को जमानत दिलाने की बात कही थी। आरोपियों की पहचान रोहिणी जेल अधीक्षक सुनील कुमार व सुरिंदर चंद्र बोरा, उपाधीक्षक महेंद्र प्रसाद व लक्ष्मी दत्त और सहायक अधीक्षक प्रकाशचंद के रूप में हुई है।
शाखा के अधिकारियों के अनुसार अदिति सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच के बाद पुलिस ने रोहिणी जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पुलिस ने उसकी पाटर्नर लीना समेत चार अन्य आरोपियों मैथ्यूज, कमलेश कोठारी, अरुण मुथु और बी मोहन राज को भी गिरफ्तार कर लिया। जालसाजी के मामले में गिरफ्तार सुकेश रोहिणी जेल से ही मोबाइल फोन के जरिए ठगी को अंजाम दे रहा था।